जमालपुर। कार्तिक मास ध्याना साधना के क्रम में दो दिवसीय 17 वां वार्षिक भव्य आयोजन बुधवार को निष्ठा एवं समारोह पूर्वक संपन्न हुआ।
मुंगेर जिला संतमत सत्संग का केंद्र आश्रम नयागांव परिसर में चल रहे कार्तिक मास ध्याना साधना
के क्रम में जमालपुर क्षेत्र का दो दिवसीय 17 वां वार्षिक भव्य आयोजन बुधवार को निष्ठा एवं समारोह पूर्वक संपन्न हुआ।
सत्संग सभा की अध्यक्षता नयागांव संतमत सत्संग आश्रम के सचिव ओम प्रकाश गुप्ता एवं संचालन प्रचार मंत्री राजन कुमार चौरसिया ने किया।
संतमत सत्संग के वरिष्ठ महात्मा स्वामी गुरुदेव बाबा ने अपने प्रवचन में कहा कि सतगुरु की महिमा अपरंपार है।
भगवान राम और कृष्ण को भी गुरु की शरण में जाना पड़ा था।
तीनों लोकों और नौ खंड में गुरु से बड़ा कोई नहीं है। गुरु के बिना कोई भी संसार सागर से पार नहीं उतर पाता है।
गुुुरु के कृपा से ही साधना करने पर सहस्त्रदल कमल, त्रिकुटी, शून्य आदि मंडल खुल जाते हैं और नैना आकाश के अंधकार के स्थान पर भक्तों को प्रकाश प्राप्त हो जाता है।
बिना गुरु के मुक्ति प्राप्त नहीं की जा सकती है।
जिस तरह तिल में तेल है और पत्थर में आग है वैसे ही परमात्मा भी हमारे शरीर के अंदर हैं।
और जिस प्रकार आंखों के अंदर पुतली है, उस तरह इस दुनिया को बनाने वाला मानव शरीर के अंदर ही है।
परमात्मा का दीदार से साधना करने पर ही हो सकता है।
दूध में घी, फूल में सुगंध रहता है परंतु उसे हम इस आंख से देख नहीं सकते।
परमात्मा में इस शरीर के अंदर ही है, परंतु उससे इस आंखों से नहीं देख सकते हैं।
कोषाध्यक्ष सीताराम वैद्य ने कहा कि सत्संग कार्य में दान देने से ही धन का असली उपयोग होता है। सत्संग एक ज्ञान यज्ञ है।
सचिव ओमप्रकाश गुप्ता ने कहा कि संतमत सत्संग में ज्ञान योग युक्त ईश्वर भक्ति का प्रचार होता है।
सत्संग चलता फिरता तीर्थराज प्रयाग के समान पुण्य देने वाला है।
प्रचारमंत्री राजन चौरसिया ने कहा इस समिति का एकमात्र उद्देश्य है कि संतमत सत्संग का घर-घर में प्रचार हो।
क्योंकि सत्संग से ही देश और समाज में शांति का वातावरण कायम हो सकता है।
यह समिति अधिक से अधिक सत्संग का आयोजन करने के लिए प्रयत्नशील रहती है।
संरक्षक बिंदेश्वरी प्रसाद ने कहा कि बड़े भाग्य से मनुष्य शरीर मिलता है।
और गुरु महाराज की बड़ी कृपा होती है तभी सत्संग सुनने का लाभ हम लोगों को मिलता है।
समापन समारोह में व्यवस्थापक अभिमन्यु साह, उप सचिव सुभाष चौरसिया, अंबिका प्रसाद तांती, जयशंकर प्रसाद,
राजेश सरस्वती,
मदन लाल मंडल, कमल किशोर पासवान, अनिल कुमार मंडल, चंद्रशेखर मंडल, अनिल कुमार उर्फ पप्पू,
प्रमोद यादव, सच्चिदानंद मंडल, मदन यादव, शिवचरण साह, ब्रह्मदेव दास, अजीत कुमार मोदी, लालमणि,
मदन यादव, डॉ सुबोध शर्मा, रंजीत सिंह, नरेंद्र पंडित,
भुज नारायण पंडित, रामस्वरूप मंडल, नीरज चौरसिया मौजूद थे।