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बिछड़ों को परिवार से मिलाने में आश्रम का सफल योगदान

रावतसर/हनुमानगढ़ (राजस्थान)।। रावतसर का वृद्ध व अनाथ आश्रम उज्जवल जन कल्याण सेवा समिति घर से बिछड़ने वालों को भी मिलाने में सहायक साबित हो रहा है।

 राम रामरतन वृद्ध एवंरााआ

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यहां बेसहारा, मंदबुद्धि, लाचार, विकलांग की शरणस्थली बना हुआ है। अपनों से बिछड़े लोगों व असहायों को उनके घर व परिवार वालों से भी मिलाने में यह समिति बहुत ही सहायक साबित हो रही है। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 20 महिलाओ व पुरूषो को घर वालो से मिलाया गया है।

मन्दबुद्धि बालक वीरेंद्र को माता-पिता से मिलाया

श्री गंगानगर निवासी हरीश चन्द्र नागपाल का युवा मंद बुद्धि पुत्र जिसका वीरेंद्र, जो कि घर से घूमते-घूमते रावतसर तक बस स्टैंड पर पहुंच गया। यहां पर पवन तिवारी ने इस मन्दबुद्धि बालक को वृद व अनाथ आश्रम मे पहूंचाया। जहां इसकी देखभाल के साथ-साथ शोसल मिडिया पर इसकी सुचना डाली गई। सोशल मीडिया के माध्यम से जब वीरेंद्र के बारे में उनके परिवार वालों को सूचना मिली तो सपरिवार वीरेंद्र को लेने रावतसर पहुंच गए। वीरेंद्र के माँ-पिता, भाई-बहन अपने बिछड़े वीरेंद्र को सकुशल देख प्रफुल्लित हो उठे। वीरेंद्र के पिता हरीश चंद नागपाल ने आश्रम संचालक राजेश बेनिवाल व इनकी टीम को धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया।

फिरोजपुर के गुरप्रीत को मिला उसका परिवार

इसी के साथ फिरोजपुर निवासी पाल सिंह के युवा सुपुत्र गुरप्रीत सिंह भी घर वालो से बिछड़ कर रावतसर तक पहुंच गया। जहां बस स्टैंड पर इसको वृद व अनाथ आश्रम तक पहुंचाया गया। इसकी सूचना सोशल मीडिया पर प्रसारित कर उन्हें भी घर तक सकुशल पहुंचाया गया। इसके पिता पाल सिंह इसको लेने के लिए फिरोजपुर से रावतसर आश्रम में पहुंचे। जहां गुरूप्रीत को आश्रम मे ईश्वरीय प्राणियों के साथ बेठा देख कर आश्रम परिवार का आभार व्यक्त किया व इनके कार्यो की प्रशंसा करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। रावतसर वृद्ध व अनाथ आश्रम के सार्थक प्रयास से अब तक 20 लोगों को अपने घर वालो से मिलाने में सफल रहे हैं।

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