जमालपुर। भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी जमालपुर शाखा के पूर्व संयुक्त सचिव सह सोसाइटी के वयोवृद्ध आजीवन सदस्य सरदार करतार सिंह के रामपुर हॉस्टल कॉलोनी स्थित क्वार्टर में कार्यकर्ता मिलन समारोह का आयोजन किया गया।
इस दौरान भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के आजीवन सदस्य एवं युवा वॉलिंटियर्स ने सोसाइटी के सबसे बुजुर्ग आजीवन सदस्य सरदार करतार सिंह जी को माला पहनाकर उनका अभिनंदन किया।
शाखा सचिव प्रवीण कुमार के नेतृत्व में संयुक्त सचिव वासुदेव पुरी, संयोजक शिवलाल रजक, सहसंयोजक राजीव कुमार के अलावा आजीवन सदस्य भरत किशोर पोद्दार, पंकज कुमार, डॉ धर्मेंद्र राजेंद्र विश्वकर्मा पवन कुमार चौधरी सरदार चंदन सिंह एवं अन्य सदस्यों ने संयुक्त रूप से भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी जमालपुर शाखा के वयोवृद्ध आजीवन सदस्य सरदार करतार सिंह को अंग वस्त्र भेंट किया।
इस दौरान सरदार करतार सिंह ने युवा पीढ़ी को और आने वाली अगली पीढ़ी को संदेश देते हुए अपने जीवन पथ पर सदैव सकारात्मक भाव से कार्य करते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने आगे कहा कि मैंने भारत स्काउट-गाइड में लंबे समय तक योगदान देने के बाद अपनी एक्टिविटी में रेड क्रॉस को शामिल किया। भारत स्काउट गाइड में सिखाते थे “डू योर बेस्ट” अर्थात जितनी तुम्हारी क्षमता है उससे भी तुम ज्यादा करो और अपनी क्षमता का सदुपयोग करो। ताकि समाज में तुम उपयोगी बनो।
सिद्धांत यह है कि जब हम इस संसार में आए हैं तो जिस हालत में संसार था, जाने के पहले उसको अच्छा करके जाएं। स्टार्टिंग में जब हम कैंप करते हैं तब प्रण लेते हैं कि जहां हम यह तंबू लगाए हैं या चूल्हा जलाएं हैं, या इसका उपयोग किए हैं। जब हम यह स्थान छोड़ें तो यह पहले से सुंदर हो। धरती पर आए हैं धरती पर जो कष्ट है जो जोक और समझाएं है उनको हटाए और संसार को अच्छा बनाएं। भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी सेवा का मार्ग है। इसके माध्यम से हमें अपनी शारीरिक एवं मानसिक क्षमता का पूरा सदुपयोग कर सेवा देनी चाहिए।
सचिव प्रवीण कुमार ने कहा कि सरदार करतार सिंह ने भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के माध्यम से ना सिर्फ मानवता के प्रतीक के रूप में समाज में सेवा दी बल्कि उन्होंने अपने वृद्धावस्था तक भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी को जिंदगी के रूप में जिया है। आज के युवा वॉलिंटियर्स भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी की शाखा है, जबकि सरदार करतार सिंह जैसे व्यक्ति भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी जमालपुर शाखा के जड़ हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं को संदेश देना है कि हमें अपने जड़ को कभी नहीं भूलना चाहिए। भारतीय रेड क्रॉस का मूल मंत्र है जब तक हम अपने संस्कारों को सिंचित और रक्षक नहीं करेंगे तब तक बेहतर समाज बनाने की हम कल्पना नहीं कर सकते हैं। लोगों की सेवा संस्कार से जुड़ा विषय है। लोकसेवा अपने घर से अतिरिक्त बाहर जाकर और लोगों की सेवा करने की प्रवृत्ति होती है वह तो हर इंसान के अंदर होती है उसे पल्लवित करने की आवश्यकता है। उसे यह हमारे बुजुर्गों से सीख ले कर उसको आगे बढ़ाने की जरूरत है। ताकि हमारे युवा वर्ग में वह भावना पैदा हो और आगे जाकर समाज को इसका फायदा होगा और एक बेहतर समाज बनाने की दिशा में हम अग्रसर होंगे। 70 वर्ष की आयु में जब सरदार करतार सिंह ने भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के संयुक्त सचिव का दायित्व लिया तो उस आयु में भी रे साइकिल के माध्यम से पाटम गांव, दशरथपुर एवं आसपास के गांव में भ्रमण कर लोगों तक सेवा पहुंचाते थे और रेड क्रॉस सोसाइटी के कार्य को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वासुदेव पुरी, आरके विश्वकर्मा, भरत किशोर पोद्दार ने कहा कि सरदार करतार सिंह आज के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। मौके पर सरदार कंवलजीत सिंह, सरदार शरणजीत सिंह मौजूद थे।