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अधिकारी के हाथों की कठपुतली बनकर रह गई शिक्षा विभाग

पटना (बिहार डेस्क)।। बिहार में नियोजित शिक्षकों के द्वारा लंबे समय से उठाई जा रही मांगों के आधार पर सरकार ने उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा देने की दिशा में जो नई नियमावली लाई है, बिहार विशिष्ट शिक्षक नियमावली, उसको लेकर भी शिक्षक अभ्यर्थियों में काफी असमंजस की स्थिति है।

नियोजित शिक्षकों के साथ छलावा

एक तरफ बिहार सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित महागठबंधन के कई वरिष्ठ नेता सरकार के इस कदम की सराहना कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर बिहार के विभिन्न शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी के द्वारा सरकार पर आरोप लगाया जा रहा है कि राज्यकर्मी का दर्जा देने के नाम पर सरकार ने नियोजित शिक्षकों के साथ छलावा किया है।

बिहार विशिष्ट शिक्षक नियमावली को लेकर शिक्षक संगठन सरकार के दावों को सिरे से खारिज कर रहे हैं।

नियमावाली में संसोधन की मांग 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट द्वारा पारित बिहार विशिष्ट शिक्षक नियमावली से असंतुष्ट बिहार के विभिन्न शिक्षक संगठनों ने सरकार से इस नियमावली में संशोधन की मांग कर रहे हैं।

सरकार पर लगा आरोप 

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केशव कुमार ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि बिहार सरकार में शिक्षा विभाग पिछले कुछ समय से पूरी तरह से एक ऐसे अधिकारी के हाथों की कठपुतली बनकर काम कर रही है, जो बिहार के शिक्षा विभाग की छवि को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल करने की जुगत में है। इससे बिहार की शिक्षा में सुधार होने के बजाए नकारात्मक प्रभाव डाल रही है।

यहां क्लिक करें – क्या कुछ कहा माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केशव कुमार ने 

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