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उच्च रक्तचाप से जुड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिये डीएमटी का प्रशिक्षण महत्वपूर्ण

-गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप की समस्या गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ गर्भस्थ शिशु के लिये गंभीर

-केयर इंडिया के सहयोग से जिले की 37 एएनएम को दिया गया डीएमटी का प्रशिक्षण
-डीएमटी प्रशिक्षण प्राप्त एएनएम पीएचसी व आउटरीच की अन्य एएनएम को कर रही प्रशिक्षित

अररिया, 19 फरवरी

गर्भावस्था के दौरान शिशु के बेहतर मानसिक व शारीरिक विकास के लिये महिलाओं को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना जरूरी है| अक्सर गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या देखी जाती है| इतना ही नहीं कुछ महिलाएं कम उम्र में ही हाई बीपी की शिकार होती हैं| लिहाजा उन्हें गर्भावस्था के दौरान कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है| गर्भावस्था के दौरान ब्लड प्रेशर का बढ़ना न सिर्फ महिला, बल्कि गर्भस्थ शिशु के लिये बेहद गंभीर होता है| आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान महिलाएं तनाव में होती हैं| कई बार डिप्रेशन पर हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनता है| गर्भावस्था के दौरान अगर बीपी बढ़ा हो तो इसके दीर्घकालिक प्रभाव कम होते हैं. लेकिन अगर महिला पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर की मरीज रही हों तो इसका गंभीर खामियाजा गर्भवती महिला के साथ-साथ उनके गर्भस्थ शिशु को भी चुकाना पड़ता है|

एएनएम को दिया गया डीएमटी का प्रशिक्षण
इससे जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिये स्वास्थ्य विभाग एएनएम को जरूरी प्रशिक्षण उपलब्ध कराते हुए उनके कार्यक्षमता में गुणात्मक सुधार के लिये प्रयासरत है| अमानत ज्योति कार्यक्रम के तहत विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत एएनएम को केयर इंडिया के सहयोग से डीएमटी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है| जो सभी स्वास्थ्य संस्थानों में सामान्य हाईपरटेंशन व गर्भावस्था के दौरान हाईपरटेंशन के मामले से जुझ रहे मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करायी जा सके| साथ ही हाईपरटेंशन से जुड़ी चुनौतियों को कम किया जा सके|

प्रशिक्षण से आसान हुआ है उच्च रक्तचाप वाले मरीजों की पहचान
केयर इंडिया की डीटीएल पर्णा चक्रवती के मुताबिक
उच्च रक्तचाप की जल्द पहचान, बीपी मापने व रीडिंग का अर्थ सही अर्थ समझने के उद्देश्य से डीएमटी को प्रशिक्षित किया गया है| इसमें सभी पीएचसी के दो एएनएम को डीएमटी के रूप में प्रशिक्षित किया गया है| इन डीएमटी के माध्यम से पीएचसी के अन्य एएनएम व आउटरीच में कार्यरत एएनएम को इस संबंध में जरूरी प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है| प्रशिक्षण से मेंटर्स उच्च रक्तचाप परिभाषित करने, उच्च रक्तचाप के जोखिम कारक को सूचीबद्ध करने, बीपी मापने की प्रक्रिया व आउटरीच में उच्च रक्तचाप के मरीज की पहचान करने में सक्षम होंगी| प्रशिक्षण से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर व आरोग्य दिवस सत्रों पर उच्च रक्तचाप के मरीजों की पहचान आसान हुई है|

डीएमटी प्रशिक्षण से मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं में हुआ सुधार

अररिया सदर अस्पताल में चार एएनएम को डीएमटी का प्रशिक्षण दिया गया है| इसमें मनीषा, नाजिया, दीपिका व पिंकी का नाम शामिल है| प्रशिक्षण से संबंधित जानकारी देते हुए मनीषा ने बताया कि डीएमटी के रूप में प्रशिक्षित होने के बाद प्रसव संबंधी जटिल मामलों का निष्पादन उनके लिये आसान हुआ है| प्रशिक्षण से कर्मियों में टीम भावना विकसित हुई है|र वे सभी तरह की जटिल मामलों के निष्पादन में सामूहिक जिम्मेदारी का निवर्हन कर पा रही हैं| डीएमटी प्रशिक्षण के उपरांत मातृत्व शिशु मृत्यु दर में कमी आने के साथ-साथ अस्पताल से प्रसव के जटिल मामलों के रेफर किये जाने के मामलों में कमी आयी है| केयर इंडिया की एनएमएस ज्योति ने बताया कि डीएमटी प्रशिक्षण से मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं में अपेक्षाकृत सुधार हुआ है| साथ ही एचडब्लयूसी, एपीएचसी सहित अन्य आउटरीच संस्थानों में भी प्रसव संबंधी सेवाओं का विस्तार हुआ है|

जिले में 12.1 प्रतिशत महिलाएं व 15.08 प्रतिशत पुरुष लेते हैं बीपी की दवा

एनएफएचएस 5 के मुताबिक जिले में 8.9 फीसदी महिलाओं का ब्लड प्रेशर सामान्य से थोड़ा अधिक है| 2.9 प्रतिशत महिलाएं मध्यम व गंभीर रूप से हाई ब्लड प्रेशर की शिकार हैं| इतना ही नहीं 12.1 प्रतिशत महिलाएं उच्च रक्तचाप की गंभीर परिस्थितियों का सामना करती हैं| इसके लिये नियमित रूप से दवा का सेवन कर रही हैं| इसी तरह पुरुषों में 8.9 प्रतिशत का रक्तचाप सामान्य से अधिक है, तो 3.1 प्रतिशत पुरुष मध्यम व गंभीर रूप से उच्च रक्त चाप के शिकार हैं| उच्च रक्तचाप के 15.8 प्रतिशत पुरुष बीपी से जुड़ी दवाओं का सेवन नियमित रूप से कर रहे हैं|

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