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किसान विरोधी बिल के खिलाफ जमालपुर में आंदोलन का हुआ आगाज

प्रखंड क्षेत्र के किसानों ने काला कृषि कानून को किया आग के हवाले

जमालपुर। जिस प्रकार से देशभर में किसान आंदोलन की आग तेजी से सुलगती जा रही है, उसकी लपटें अब गांवों में ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्रों के आम लोगों के दिलों में भी उठने लगी है।

शनिवार को स्टेशन मोड़ के समीप किसानों ने केंद्र सरकार तथा काला कृषि कानून के खिलाफ जमकर विरोध दर्ज कराया।

किसानों का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस नगर अध्यक्ष साईं शंकर ने किसानों के साथ मिलकर नए कृषि अध्यादेश को आग के हवाले कर विरोध प्रकट किया।

नए कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस सेवा दल के प्रदेश महामंत्री ब्रह्मदेव चौरसिया, कांग्रेस नगर अध्यक्ष साईं शंकर, राजद नेता सह किसान नेता विनय यादव, वार्ड आयुक्त सुदेश मंडल ने इसे अंगेजी शासनकाल में लागू रॉलेट एक्ट, साइमन कमीशन जैसे दमनकारी कानून के समान काले बिल की संज्ञा दी है।

उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून में न्यूनतम समर्थन मूल्य का कोई जिक्र नहीं है।

यह कानून पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने एवं गरीब किसानों को हासिए पर लाने का प्रयास है।

भाजपा किसानों से उनका मालिकाना हक छीन कर पूंजीपतियों को देना चाहती है।

नए कृषि विधेयक से एम एस पी सुनिश्चित करने वाली मन्डिया ख़त्म हो जाएंगी किसानो को लाभ तो दूर उपज का उचित मूल्य नहीं मिलेगा।

फसलों को आवश्यक वस्तु अधिनियम से बाहर किया गया है।

जिससे आढ़तियों और बड़े व्यापारियों को किसानों का शोषण करना आसान हो जाएगा।

किसान आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाएगा।

किसान राजीव कुमार, चंदन पासवान, सिद्धेश्वरनाथ विश्वकर्मा, किशन कुमार ने कहा कि भाजपा की नीति देश बेचने की है।

देश की सम्पदा को निजी क्षेत्रों को सौंप देने की है।

कोरोना आपदा काल लाखों की संख्या में श्रमिकों का पलायन हुआ है ।

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक 40 करोड़ रोजगार खत्म हो सकते हैं।

श्रम मंत्रालय का अनुमान है कि 14.62 लाख की संख्या नौकरी मांगने वालों की है।

मौके पर इंद्रदेव मंडल, प्रभु यादव, गोविंद कुमार, दीपक मंडल, विपिन शर्मा, नितेश कुमार, मनोज शर्मा, संजीव कुमार शामिल थे।

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