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कोरोना को लेकर डायबिटीज़ और अस्थमा के मरीजों को विशेष सतर्कता जरूरी

डायबिटीज के मरीजों को खून में चीनी की मात्रा को रखना चाहिए नियंत्रित

संक्रमण से बचने के लिए अस्थमा के मरीज इनहेलर लेते रहें और बरतें सावधानी

मुंगेर/31 मुंगेर। कोरोना वायरस किसी को भी संक्रमित कर सकता है लेकिन उन लोगों को इससे ज़्यादा ख़तरा है जिन्हें पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या है या जो उम्रदराज हैं। जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ जैसी बीमारियां हैं उनको कोरोना वायरस से ज़्यादा ख़तरा है। इसके लक्षण अन्य बीमारियों से मिलते-जुलते हैं. जैसे सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ़। इंटरनेशनल डायबिटीज़ फेडरेशन के मुताबिक भारत में 2019 तक डायबिटीज के मरीजों की संख्या 7.7 करोड़ थी। कोरोना वायरस से संक्रमित कई लोगों को डायबिटीज भी बताई जा रही है. हालांकि, ऐसे कितने मरीज़ हैं इसका आँकड़ा उपलब्ध नहीं है। अगर आपको पहले से कोई बीमारी है तो ये ज़रूरी नहीं कि आपको कोरोना वायरस का संक्रमण दूसरों के मुक़ाबले जल्दी हो जाए लेकिन संक्रमण के बाद हालात अन्य मरीज़ों से ज़्यादा गंभीर हो सकते हैं।

डायबिटीज़ होने पर क्या करें

कोविड-19 डायबिटीज़ के मरीजों में कॉम्प्लिकेशन पैदा कर सकता है. अगर आपको डायबिटीज़ है और खांसी, बुखार, सांस लेने में दिक्क़त होती है तो अपना ब्लड शुगर नापते रहें और डॉक्टर से सलाह लें। इसके लिए खान- पान का ध्यान रखना चाहिए, जिससे खून में चीनी की मात्रा को नियंत्रित रखा जा सके। साथ ही घर पर ही हल्का – फुल्का व्यायाम करते रहना चाहिए।

अस्थमा होने पर क्या करें

जिन लोगों को अस्थमा है वो डॉक्टर द्वारा बताया गया अपना इनहेलर लेते रहें। इससे किसी वायरस के चलते होने वाले अस्थमा दौरे का ख़तरा कम हो जाएगा। अपना इनहेलर हर दिन साथ रखें। अगर आपका अस्थमा बढ़ रहा है तो ऐसे में हेल्पलाइन नंबर से संपर्क करें। अस्थमा के मरीज घर से बिल्कुल भी बाहर ना निकलें और अगर जरूरत पड़ने पर बाहर निकल भी हैं तो, संक्रमण से बचे रहने के लिए पूरे दिशा-निर्देशों का गंभीरतापूर्वक पालन करें।

पहले से कोई बीमारी है तो सावधानी बरतनी चाहिए

जिन लोगों में हाई बल्ड प्रेशर, सांस संबंधी समस्या या कमज़ोर प्रतिरक्षा क्षमता है उन्हें कोरोनावायरस से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। कोरोनावायरस के कारण भी सांस संबंधी समस्या हो जाती है। वायरस गले, श्वसन नली और फेफड़ों पर असर डालता है। ऐसे में पहले से कोई दिक्कत होने पर इलाज करना और चुनौतीपूर्ण बन जाता है। अगर फ्लू के लक्षण दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। कोरोना वायरस का इलाज इस बात पर आधारित होता है कि मरीज़ के शरीर को सांस लेने में मदद की जाए और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाए ताकि व्यक्ति का शरीर ख़ुद वायरस से लड़ने में सक्षम हो जाए।

ऐसे लोगों को विशेष ध्यान देने की जरूरत, चिकित्सीय जांच करवाते रहें

डिप्टी डायरेक्टर के पद से सेवानिवृत्त मुंगेर जिले के डॉ के. के. वाजपेयी ने कहा ये देखा गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बूढ़ों और पहले से ही सांस की बीमारी (अस्थमा) से परेशान लोगों, कमज़ोर प्रतिरक्षण प्रणाली, मधुमेह और हृदय रोग जैसी परेशानियों का सामना करने वालों के गंभीर रूप से बीमार होने की आशंका अधिक होती है। ऐसे लोगों में संक्रमण से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। अस्थमा के मरीज हमेशा इनहेलर लेकर साथ रहे और इसका समय-समय पर उपयोग करते रहें। साथ ही डायबिटीज के मरीज अपना ब्लड शुगर जांच करवाते रहें और चिकित्सक से सलाह लेते रहें।

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