नई दिल्ली। रविवार को गोवा में अंतिम सांसें गिनने के बाद दिवंगत हुए गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर देश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने आईआईटी से डिग्री हासिल की थी। 13 दिसंबर, 1955 को गोवा के मापुसा में जन्मे पर्रिकर की शिक्षा लोयोला स्कूल, मडगांव में हुई। उसके बाद उन्होंने 1978 में स्नातक की उपाधि, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुम्बई से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में प्राप्त की। राजनीति में आने से पहले श्री पर्रिकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में शामिल हुए। वे युवा अवस्था में ही शिक्षा के अंतिम वर्षों में एक मुख्य शिक्षक (मुख्य प्रशिक्षक) बन गयें। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से स्नातक होने के बाद, उन्होंने मापुसा में आरएसएस का काम फिर से शुरू किया और 26 साल की उम्र में संघचालक बन गए।
भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में, पर्रिकर को 1994 में गोवा विधान सभा के लिए चुने गये। वे 24 अक्टूबर, 2000 को पहली बार गोवा के मुख्यमंत्री बने और 27 फरवरी, 2002 तक बने रहे। उसके बाद 3 जून, 2002 को पुन: मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए और और 2 फरवरी, 2005 तक सेवा की। वे 9 मार्च, 2012 को तीसरी बार गोवा के मुख्यमंत्री बने और 8 नवंबर, 2014 तक इस पद पर रहे। 9 नवंबर, 2014 को श्री पर्रिकर देश के रक्षा मंत्री बने और 13 मार्च, 2017 तक इस पद पर बने रहे। उन्होंने 14 मार्च, 2017 को फिर से गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
श्री पर्रिकर को उनकी सरलता और असाधारण प्रशासक के रूप में याद किया जाएगा। आधुनिक गोवा के निर्माण और सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के साथ-साथ पूर्व सैनिकों के जीवन में सुधार लाने के लिए उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। श्री पर्रिकर को 2001 में आईआईटी, मुंबई द्वारा ‘प्रतिष्ठित पूर्व छात्र पुरस्कार’, 2018 में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गोवा द्वारा मानद डॉक्टरेट और 2018 में डॉ. एस.पी. मुखर्जी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।