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धूमधाम से मनाई गई संतसेवी जी महाराज की 101 वीं जयंती

जमालपुर। मुंगेर जिला संतमत सत्संग का केंद्र आश्रम में संतमत के पूर्व आचार्य महर्षि संतसेवी जी की 101वीं जयंती मनी।

इस अवसर पर पुष्पांजलि, भजन, सत्संग, प्रवचन ,महर्षि संतसेवी ग्रंथ पाठ ,गुरु कीर्तन, स्तुति ,प्रार्थना, आरती गान इत्यादि का कार्यक्रम हुआ।

सत्संग सभा की अध्यक्षता संरक्षक विंदेश्वरी प्रसाद एवं संचालन उदय शंकर स्वर्णकार ने किया।

अपने प्रवचन में संतमत के वरिष्ठ महात्मा स्वामी नरेंद्र बाबा ने महर्षि संतसेवी जी महाराज के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महर्षि संतसेवी जी महाराज बड़े विद्वान एवं महान संत थे।

उन्होंने दर्जनों आध्यात्मिक पुस्तकों की रचना की जिसमें जग में ऐसे रहना , ओम विवेचन ,सत्य क्या है? गुरु महिमा, सर्वधर्म समन्वय , प्रमुख है।

वे बचपन से ही परम सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी की अटूट सेवा की।

उनका बचपन का नाम महावीर था, परंतु गुरु महाराज ने उनकी सेवा से प्रसन्न होकर उनका नाम संतसेवी रखे थे।

वे गुरु महाराज के परम प्रिय उत्तराधिकारी शिष्य थे।

 

स्वामी गुरुदेव बाबा ने कहा कि गुरु महाराज के 1986 में महापरीनिर्माण करने के बाबा संतसेवी जी महाराज को संतमत का आचार्य पद मिला था।

वे जीवन भर संतमत सत्संग के प्रचार प्रसार में लगे रहे और लाखों भक्तों को गुरु दीक्षा और भजन भेंट देकर संतमत सत्संग से जोड़ने का कार्यक्रम किया।

उनके ही सत्संग प्रचार के कारण आज संतमत सत्संग का प्रचार प्रसार देश विदेश में बहुत अधिक हुआ है।

उनके ही प्रयास से देश विदेश में हजारों सत्संग आश्रम की स्थापना हुई है।

मौके पर अर्जुन तांती, ओम प्रकाश गुप्ता , सीताराम वैद्य, राजन कुमार चौरसिया, अभिमन्यु साह, मदनलाल मंडल, नंदकिशोर प्रसाद, प्रमोद यादव, अनिल कुमार मंडल, पवन चौरसिया, रामचंद्र मंडल, रामसागर महतो, जयशंकर प्रसाद, रंजीत प्रसाद सिन्हा, महेश्वरी देवी, तनुजा देवी, अनिता देवी, निर्मला शर्मा, सुशीला पंडित, रामरति देवी, रुकमणी देवी सहित दर्जनों गणमान्य सत्संगी शामिल थे।

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