सैंया भए कोतवाल तो अब डर काहे का।
जी हां यह कोई कहावत ही नहीं है बल्कि इसे चरितार्थ किया है उन गैर जिम्मेदार पदाधिकारियों ने जो कल तक अपने कार्य क्षेत्र में पदस्थापन कार्यकाल के दौरान स्थानांतरण से पूर्व तक लोगों को अपने पद का रौब दिखाते हुए बिना मास्क पहने लोगों की चालान काटते नजर आए।
जब राज्य सरकार द्वारा इन पदाधिकारियों का स्थानांतरण कर दिया गया तो ये सभी पदाधिकारी बिना मास्क और सामाजिक दूरी का पालन किए बगैर सरकार के कोविड गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते हुए देर रात तक विदाई का जश्न मनाते नजर आए। जमालपुर शहर में लगातार 2 दिन शनिवार और रविवार को संपन्न हुए विशेष विदाई समारोह में स्थानीय राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं के अलावा बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों ने भी हिस्सा लिया।
रविवार को देर रात तक चले इस विदाई समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा पूर्व ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार के काफी करीबी माने जाने वाले जमालपुर के तत्कालीन अंचलाधिकारी शंभू मंडल, धरहरा के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रभात कुमार सहित जमालपुर प्रखंड के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी राजीव कुमार शायद विदाई समारोह के जश्न के चक्कर में सामाजिक दूरी का पालन करना और मास्क लगाना तक भूल गए।
जी हां यह तस्वीरें चीख चीख कर इस बात की गवाही दे रही है कि यह पदाधिकारी जो कल तक किसी शादी समारोह में सामाजिक दूरी का उल्लंघन करने वाले लोगों का चालान काट रहे थे जो सड़कों पर बिना मास्क पहने चलते नजर आ रहे थे ना सिर्फ उनका चालान काटा बल्कि पुलिस वालों के सहयोग से आम लोगों के ऊपर बेरहमी से डंडे भी बरसाए।
अब देखना है कि ऐसे गैर जिम्मेदार पदाधिकारी जिन्होंने जश्ने विदाई के चक्कर में कोरोना संक्रमण को फैलाने की दिशा में कोविड गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई, उनके खिलाफ जिला प्रशासन तथा राज्य सरकार क्या कदम उठाएगी ?