नई दिल्ली/बंगलुरु।। कर्नाटक में हुबली-धारवाड़ बस रैपिड ट्रांजिट (बीआरटी) परियोजना का उद्घाटन करने पहुंचे उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने पर्यावरण के साथ-साथ आर्थिक और व्यावहारिक रूप से अनुकूल सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को समय की आवश्यकता करार दिया है।
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने ग्रीन हाउस गैसों और वाहनों से होने वाले हानिकारक तत्व को नियंत्रित करने की दिशा में कदम उठाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि निजी वाहनों के उपयोग के बजाय यदि सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने की दिशा में शहरी लोगों व्यवहार में परिवर्तन लाने का प्रयास किया जाए तो काफी हद तक ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आएगी। इसके लिए उन्होंने शहरी निकायों के अधिकारियों से इस दिशा में सकारात्मक पहल करते हुए आम लोगों को सक्रिय भागीदार बनाने के लिए प्रोत्साहित करने का आह्वान किया।
उपराष्ट्रपति ने यातायात की समस्या, सड़कों पर भीड़-भाड़ व जाम की स्थिति को सबसे बड़ी चुनौती करार दिया। वाहनों से उत्सर्जित प्रदूषित धुएं से वायु की गुणवत्ता तथा आम लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहे बुरे प्रभाव पर भी चिंता जताई।
उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान समय में आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण पर एक साथ समान रूप से ध्यान रखने की जरूरत है। वैश्विक ऊर्जा की मांग की वजह से कार्बन उत्सर्जन लगातार बढ़ती जा रही है। कम कार्बन उत्सर्जन तथा पर्यावरण के अनुकूल शहरी बुनियादी ढ़ांचे के निर्माण की आवश्यकता है।
देश के सभी शहरों के लिए एक जटिल समस्या बन चुके प्रदूषित वायु, पेयजल अपर्याप्त आपूर्ति, स्वच्छता का अभाव, अपर्याप्त ठोस अपशिष्ट प्रबंधन तथा सीमित सार्वजनिक परिवहन अवसंरचना का समाधान यथाशीघ्र करने की जरूरत है।
गैर-प्रदूषणकारी इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार को ठोस नीति बनाने की आवश्यकता है। ई-वाहनों के लिए जरूरी अवसंरचनाएं विकसित किया जाए।