प्रांतीय सोशल मीडिया प्रमुख संतोष कुमार की रिपोर्ट
वरिष्ठ माध्यमिक सरस्वती विद्या मंदिर, मुंगेर में बुधवार को आचार्य लल्लन महाराज की सेवानिवृत्ति पर सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंध कारिणी समिति के अध्यक्ष निर्मल कुमार जालान ने कहा कि लल्लन महाराज ने विद्यालय के कार्य को निष्ठा पूर्वक निभाया। इनके व्यवस्थित कार्यों की प्रशंसा सर्वत्र होती है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति अगर मन, बुद्धि और तन से स्वस्थ हो तो उसे अपने ऊर्जा और क्षमता का प्रयोग जीवन पर्यंत करना चाहिए। अब उन्हें सामाजिक कार्य में भी योगदान देने का समय मिलेगा।
अपने अनुभव कथन में आचार्य लल्लन महाराज ने कहा कि ईमानदारी से कार्य करने वाले को ईश्वर भी मदद करते हैं। कार्य अच्छा करने पर आत्मिक संतोष मिलता है। माता पिता की सेवा सबसे बड़ा धर्म है। विद्यालय एक परिवार है और जहां टीम वर्क होता है वहां किसी भी कार्य को आसानी से किया जा सकता है। कार्य को यथा शीघ्र निष्पादन करना चाहिए इससे आगे के कार्य करने में सुविधा होती है।कमजोर बच्चों को योग्य बनाना आचार्य की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने विद्यालय से जुड़ी कई प्रेरक प्रसंग सुनाए।
इसके पूर्व आचार्य चंद्र प्रकाश झा ने लल्लन महाराज के परिचय वृत्त रखते हुए कहा कि शारिरिक आचार्य के रूप में खेल के प्रति रुचि बचपन से ही रही है। उन्होंने अपने दायित्व का निर्वाह सफलतापूर्वक किया।
आचार्य मुकेश कुमार सिन्हा ने शुभकामना संदेश पढ़कर सुनाया। उन्होंने कहा कि मनुष्य अपने जीवन में कर्म से ही जाना जाता है और अच्छा कर्म करने वाले को ही मिलता है सम्मान। उत्साहपूर्वक कार्य करना इनकी विशेषता रही है।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्रधानाचार्य नीरज कुमार कौशिक ने कहा कि लल्लन महाराज को अपने आचार, विचार एवं कुशल नेतृत्व के लिए सर्वत्र सराहना मिली। सारी व्यवस्था सुचारू रूप से चले इसका चिंतन हमेशा करते रहे।
विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष निर्मल कुमार जालान द्वारा आचार्य लल्लन महाराज को पुष्पगुच्छ एवं उपहार भेंट किया गया।
अतिथि परिचय प्राथमिक खंड के प्रभारी प्रधानाचार्य अविनाश कुमार ने किया वहीं कार्यक्रम का संचालन आचार्य अरुण कुमार द्वारा किया गया।
इस अवसर पर उप प्रधानाचार्य उज्जवल किशोर सिन्हा, क्षेत्रीय बालिका शिक्षा संयोजिका कीर्ति रश्मि, प्रांतीय सोशल मीडिया मीडिया प्रमुख संतोष कुमार सहित विद्यालय के समस्त आचार्य उपस्थित थे।