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आयुष्मान भारत: पीएम मोदी की चिट्ठी लेकर घर-घर जा रही हैं आशा

लाभार्थियों के बीच 44 पीएम लेटर का हो रहा वितरण

पीएम का लेटर दिखाते ही बन जायेगा आयुष्मान गोल्डन कार्ड
• ग्राम मुखिया भी कर रहे हैं सहयोग
• पूर्णियाँ में 1.13 लाख से अधिक लोगों को मिला गोल्डन कार्ड
• 21.75 लाख लाभार्थियों के बनने हैं गोल्डेन कार्ड

पूर्णियाँ: 27 फ़रवरी

आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल लाभार्थियों को पीएम मोदी द्वारा भेजे गये पत्र को घर-घर पहुंचाया जा रहा है। इसकी जिम्मेदारी क्षेत्र के आशा कार्यकर्ताओं को दी गयी है। इस पत्र को दिखाते ही मरीजों को अनुबंधित अस्पताल में तुरंत ही गोल्डन कार्ड व इलाज मिल जाएगा। इस पत्र का वितरण कराने में क्षेत्र के मुखिया को भी शामिल किया गया। मुखिया को जिम्मेदारी दी गयी है कि वह आशा कार्यकर्ता के माध्यमों से अपने क्षेत्र के लाभार्थियों के बीच पीएम लेटर का वितरण करायें।

बारकोड युक्त पत्र:
प्रधानमंत्री का यह पत्र काफी महत्वपूर्ण है। इसमें योजना से संबंधित सारी जानकारी उपलब्ध है। इस पत्र में बारकोड भी अंकित है, जिसमें मरीज का पूरा विवरण उल्लेखित है। यह पत्र इलाज के लिए लाभार्थी की आईडी का काम करेगा।

जनप्रतिनिधियों का सहयोग अहम:

प्रधानमंत्री द्वारा प्रेषित पत्रों का बंडल प्रखंड कार्यालय पर भेजा जाता है। वहां से मुखिया उसका उठाव करते हैं। उसके बाद आशा कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र के लाभार्थियों के बीच इस पत्र का वितरण करती है।

आशा करती हैं पुष्टि:
आवंटित गांव के लाभार्थियों के पत्रों का बंडल प्राप्त करने के बाद आशा को टोल फ्री नंबर पर कॉल करना होगा। आइवीआर ऑप्शन पर ‘ 9 ‘ नंबर दबाने पर एक्टिवेशन कोड पूछा जाएगा। आशा बंडल पर अंकित यूनिक कोड को डायल कर पंच करेंगी। इसके बाद गांव के सब-सेंटर या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी कार्यक्रम आयोजित कर लाभार्थियों को पत्र वितरित किए जाएंगे। शेष पत्र आशा लाभार्थियों के घर-घर जाकर वितरित करेंगी।

अब तक 1.13 लाख लोगों को मिला कार्ड:
आयुष्मान भारत के प्रमंडलीय समन्वयक वेंकटेश पांडे ने बताया पूर्णियाँ जिले में अब तक 1.13 लाख लोगों का गोल्डन कार्ड बनाया जा चुका है। जबकि जिले में लगभग 21.75 लाख लोगों के गोल्डेन कार्ड बनाए जाने है। गोल्डन कार्ड बनाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। पंचायत स्तर पर कैंप लगाकार लाभार्थियों का नि:शुल्क कार्ड बनाया जा रहा है। तिथिवार पंचायत स्तर पर कैंप लगाया जा रहा है। ताकि अधिक-से अधिक लोगों तक इस योजना का लाभ पहुंच सके।

5 लाख रूपये तक का कैशलेस इलाज:
वर्ष 2011 के सामाजिक-आर्थिक एवं जातिगत जनगणना में चिन्हित गरीब परिवारों को इस योजना का पात्र बनाया गया है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभार्थी परिवार पैनल में शामिल सरकारी या निजी अस्पतालों में प्रति वर्ष 5 लाख रूपये तक कैशलेस ईलाज करा सकते हैं। योजना का लाभ उठाने के लिए उम्र की बाध्यता एवं परिवार के आकार को लेकर कोई बंदिश नहीं है। योजना को संचालित करने वाली नेशनल हेल्थ एजेंसी ने एक वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। इसके जरिये लाभार्थी यह जान सकते हैं कि उनका नाम लिस्ट में शामिल है या नहीं। लिस्ट में नाम जांचने के लिए mera.pmjay.gov.in वेबसाइट देख सकते हैं या हेल्पलाइन नंबर 14555 पर कॉल कर जानकारी ली जा सकती है। आयुष्मान भारत योजना में 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार प्रदान करती है।

आयुष्मान भारत के तहत कई रोगों का मुफ्त में इलाज :
सिविल सर्जन डॉ. मधुसूदन प्रसाद ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत हड्डी, ऑर्थो, बर्न, नसबंदी, प्रसव, नवजात शिशु, इमरजेंसी रूम पैकेज, जानवर के काटने पर इलाज, शरीर के अंग के टूटने पर प्लास्टर, फूड प्वाइजनिंग, हाई फीवर का इस टीनएज, नवजात शिशु, जनरल सर्जरी, जनरल मेडिसिन आदि के मुफ़्त ईलाज का प्रावधान है।

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