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बेहतर मानसिक स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने में 3 संस्थान करेंगे सहयोग

• समझौता ज्ञापन पर स्वास्थ्य विभाग ने किया हस्ताक्षर
• पाँच वर्षों तक तीनों सहयोगी संस्थान देंगे तकनीकी सहयोग
• मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन कार्यक्रम की होगी शुरुआत
• क्षेत्रीय मानसिक स्वास्थ्य अस्पतालों में क़ानूनी सहायता इकाई का होगा निर्माण

पटना/ 24, फ़रवरी: बिहार में बेहतर मानसिक स्वास्थ्य की सुविधा बहाल करने में राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है. मानसिक समस्याओं से प्रभावित लोगों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के मकसद से भोजपुर जिले के कोईलवर में लगभग 128 करोड़ की लागत से इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ का निर्माण भी किया गया है. इसी कड़ी में अब राज्य के प्रत्येक जिले में बेहतर मानसिक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की सरकार द्वारा पहल की जा रही है. इसमें मानसिक स्वास्थ्य पर कार्य करने वाले 3 संस्थान मारीवाला हेल्थ फ़ाउंडेशन, इंडियन लॉ सोसायटी, पुणे एवं आई-कॉल ( टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान -टीआईएसएस) के साथ बिहार सरकार ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है. अब ये तीनों संस्थान राज्य में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों को तकनीकी सहयोग के द्वारा मजबूती प्रदान करने का कार्य करेंगे. उक्त बातें स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने सोमवार को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के दौरान कही.
मंगल पाण्डेय ने कहा यह एक गैर-वित्तीय समझौता है जो 5 वर्षों तक प्रभावी रहेगा. उन्होंने बताया ये तीनों संस्थानों को मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम पर कार्य करने के अच्छे अनुभव हैं. मारीवाला हेल्थ फाउंडेशन समुदाय में हाशिए पर रहने वाले लोगों के के लिए सुलभ एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है. इंडियन लॉ सोसायटी राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों के तहत जुडी क़ानूनी नियमों के संरक्षण एवं इससे संबंधित सुझाव देने का कार्य करेगी. वहीँ टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान की एक फील्ड एक्शन परियोजना है. यह संकट में रहने वाले लोगों को सुलभ एवं बेहतर सुविधा प्रदान कर उन्हें लाभ पहुँचाने का कार्य करती है.

क्षेत्रीय मानसिक स्वास्थ्य अस्पतालों में क़ानूनी सहायता इकाई का निर्माण:
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया यह एमओयू राज्य में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम को सुदृढ़ करेगा. जिसमें मारीवाला हेल्थ फ़ाउंडेशन द्वारा एक तकनीकी सहयोग इकाई(टीएसयू) की स्थापना की जाएगी. अब मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम, 2017 के कार्यान्वयन के लिए राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण और मानसिक स्वास्थ्य समीक्षा बोर्डों की क्षमता वर्धन एवं इसे सुचारू रूप से कार्यान्वित करने में भी तकनकी सहयोग प्राप्त हो सकेगा. इससे मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम, 2017 के कार्यान्वयन के लिए जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम, पुलिस अधिकारीयों, जिला न्यायधीशों, सेवा उपयोगकर्ताओं, सेवा प्रदाताओं एवं मानसिक स्वास्थ्य कर्मियों का भी क्षमता वर्धन होगा. उन्होंने बताया गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से मानसिक समस्याओं से प्रभावित लोगों के लिए समुदाय स्तर तक बेहतर सेवा का विस्तार किया जाएगा. इसके लिए क्षेत्रीय मानसिक स्वास्थ्य अस्पतालों में क़ानूनी सहायता इकाई का बी निर्माण होगा.

मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन कार्यक्रम की होगी शुरुआत:
श्री कुमार ने बताया जिले के मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की स्थिति का अध्ययन एवं विश्लेषण किया जाएगा. साथ ही राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम में कार्यरत परामर्शदाताओं की क्षमता वर्धन कर इसके माध्यम से किशोरों को मानसिक स्वास्थ्य सेवा परामर्श प्रदान की जाएगी. जिसके लिए मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन कार्यक्रम की स्थापना की जाएगी. इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार राज्य में मानसिक मानिसक स्वास्थ्य सेवा अधिनियम , 2017 के प्रभावी कायार्न्वयन को सुनिश्चित करने हतेु सहयोगी संस्थानों को आवश्यक संस्थागत सहायता, प्रशासिनक मागर्दशर्न एवं राज्य सरकार के विभिन्न विभागों / एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करने में सहयोग प्रदान करेगा.

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