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परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी जरुरी : सिविल सर्जन

सीफार के सहयोग से परिवार नियोजन पर मीडिया कार्यशाला आयोजित

– सास-बहू सम्मलेन एवं नयी पहल किट कारगर
– पहला बच्चा शादी के तीन वर्ष बाद
– कुल प्रजनन दर को 2.1 तक लाने का लक्ष्य

सहरसा / 23, दिसम्बर

परिवार नियोजन पर सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से सोमवार को प्रमंडलीय प्रशिक्षण केंद्र परिवार कल्याण में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च(सीफ़ार) के सहयोग से जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया है. इस दौरान सीफार के सहायक राज्य प्रबंधक रंजीत कुमार ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर चर्चा की.
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. ललन प्रसाद सिंह ने बताया समाज में जागरूकता फ़ैलाने में मीडिया की भूमिका अहम होती है. वर्तमान में अभी राज्य की कुल प्रजनन दर 3.2 है. जिसका आशय है एक महिला अपने सम्पूर्ण प्रजनन अवधि में 3 से अधिक बच्चों को जन्म देती है. इस प्रजनन दर में कमी लानी होगी. सरकार द्वारा आगामी वर्षों में राज्य के कुल प्रजनन दर को 3.2 से घटाकर 2.1 तक लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग निरंतर प्रयास कर रही है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों के साथ मीडिया के भी सहयोग की जरूरत होगी.
परिवार नियोजन में पुरुषों की भी हो समान सहभागिता:
डॉ. सिंह ने कहा परिवार नियोजन का मुख्य उद्देश्य एक खुशहाल परिवार निर्मित करना है. इसके लिए दो बच्चों के जन्म में कम से कम 3 साल का अंतराल जरुरी है. इसके लिए परिवार नियोजन के अस्थायी साधन जैसे कंडोम, गर्भनिरोधक गोली एवं नवीन गर्भनिरोधक साधन अंतरा एवं छाया कारगर है. उन्होंने बताया जिले में पुरुष नसबंदी की स्थिति महिला नसबंदी की तुलना में नगण्य है. इसलिए जरुरी है कि परिवार नियोजन में पुरुषों की भी सामान सहभागिता हो. सामाजिक भ्रांतियाँ के कारण पुरुष नसबंदी के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. जबकि इससे किसी भी तरह की मर्दाना या शारीरिक कमजोरी नहीं होती है. इसलिए पुरुषों को भी नसबंदी के लिए आगे आना चाहिए. परिवार नियोजन के बेहतर परिणाम के लिए नवीन गर्भनिरोधक जैसे अंतरा एवं छाया पर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. उन्होंने परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों पर समुदाय को जागरूक करने की अपील की.
सारथी रथ से परिवार नियोजन पर जागरूकता:
केयर इंडिया के जिला परिवार नियोजन समन्वयक श्रवण कुमार ने कहा जिले में परिवार नियोजन पखवाड़े के दौरान सारथी रथ से जागरूकता भी फैलाई जाती है. यह रथ जिले के पंचायत स्तर तक घूम-घूम कर परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों पर जागरूकता फैलाती है.
जिले के 1660 आरोग्य दिवस साईट पर सास-बहू सम्मलेन का आयोजन:
श्रवण कुमार ने बताया परिवार नियोजन पर आम लोगों को जागरूक करने के लिए सास-बहू सम्मलेन के रूप में नयी पहल की गयी है. इसमें परिवार नियोजन की जरूरत एवं इसके फायदों के विषय में बात की जाती है. आरोग्य दिवस पर सास-बहू सम्मेलन का आयोजन किया जाता है. जिले में कुल 1660 आरोग्य दिवस साईट है. आगमी जनवरी माह में इन सभी साईट पर समेम्लन का आयोजन किया जाएगा.
अंतरा इंजेक्शन पूरी तरह सुरक्षित:
जिला कार्यक्रम प्रबंधक जिला स्वास्थ्य समिति राहुल किशोर ने बताया नवीन गर्भनिरोधक साधन ‘अंतरा’ इंजेक्शन अंतराल रखने में प्रभावी साधन है. तीन माह पर एक इंजेक्शन लेनी होती है. इस तरह एक साल में तीन ‘अंतरा’ इंजेक्शन से एक साल तक अनचाहे गर्भ से छुटकारा मिल सकता है. यह देखने में आया है कि महिलाएं पहले डोज के बाद दूसरे एवं तीसरे डोज लेने के लिए नहीं आ रही है. इंजेक्शन लेने से कुछ शारीरिक बदलाव आते हैं. इससे महिलाएं घबरा जाती है. जबकि यह शारीरिक बदलाव सिर्फ कुछ समय के लिए ही होता है. ‘अंतरा’ बिल्कुल सुरक्षित है. उन्होंने मीडिया से ‘अंतरा’ के विषय में समुदाय को जागरूक करने की अपील की.
इस दौरान सीफार से सरिता मल्लिक एवं युगेशवर कुमार राजा, केयर इण्डिया से कृतिका, क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक स्वास्थ्य विभाग विवेक चतुर्वेदी, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी कंचन सिंह के साथ प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लोग उपस्थित थे.

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