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ललन सिंह पर लगा सर्पयोग होगी हार की वजह ?

पटना/मुंगेर (एसबीएन)। मुंगेर के पूर्व सांसद सह बिहार सरकार के वर्तमान जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह पर लगा सर्पयोग उनके कुंडली से हटने का नाम नहीं ले रही। उनके कुंडली में लगे सर्पयोग की वजह से ही 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में नीतीश कुमार की सत्ता होने के बावजूद उनके चहेते एवं सबसे करीबी माने जाने वाले उम्मीदवार राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को मुंगेर लोकसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा। जदयू सहित एनडीए के सभी घटक दलों को ललन सिंह पर लगे इस सर्पयोग की चिंता सताने लगी है। विपक्षी दलों के साथ साथ एनडीए के कार्यकर्ताओं के बीच इस बात की चर्चा काफी तेज हो चुकी है कि यदि ललन सिंह पर पिछले लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी चुनाव में सर्पयोग की वजह से हार का सामना करना पड़ सकता है।

महिला उम्मीदवार है ललन सिंह का सर्पयोग

मुंगेर लोकसभा के एनडीए प्रत्याशी ललन सिंह 2009 में जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए जीत हासिल की थी। एनडीए से रिश्ता टूटने के बाद 2014 में चुनाव में ललन सिंह को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। एनडीए गठबंधन के घटक दल लोजपा की प्रत्याशी के रूप में पूर्व सांसद सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी ने ललन सिंह को पटखनी दी। दोबारा एनडीए में शामिल हुए ललन सिंह की वजह से निवर्तमान सांसद वीणा देवी को मुंगेर लोकसभा के बजाय नवादा से लोजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। एक ओर जहां लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से कई महीने पूर्व से ही मोकामा के वर्तमान विधायक अनंत सिंह द्वारा खुद मुंगेर लोकसभा सीट से एनडीए उम्मीदवार ललन सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद से एनडीए के कार्यकर्ताओं में काफी खलबली मची हुई थी वहीं अब मुंगेर लोकसभा सीट से अनंत सिंह के बजाए महागठबंधन के प्रमुख घटक दल कांग्रेस के टिकट पर अनंत सिंह की पत्नी नीलम सिंह के चुनावी मैदान में उतरने की चर्चा ने तो एनडीए कार्यकर्ताओं के माथे पर चिंता की लकीर ला दी है। सूत्रों की मानें तो एनडीए कार्यकर्ताओं की चिंता इस बात को लेकर बढ़ी है कि महिला प्रत्याशी के रूप में लगा काल सर्पयोग एक बार फिर ललन सिंह को लोकसभा चुनाव में मुंगेर से बाहर का रास्ता दिखा सकता है। बहरहाल, लोकसभा चुनाव को लेकर मुंगेर सीट से उम्मीदवारी की पूर्ण रूप से कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है। ऐसे में लोकसभा चुनाव को लेकर हार जीत का दावा अभी से किया जाना जल्दबाजी होगा। मगर, चुनाव में यदि ललन सिंह को दोबारा महिला उम्मीदवार के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने का मौका मिला तो ललन सिंह अपने इस कालसर्प योग से बचने का हर संभव प्रयास करेंगे।

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