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चर्चा एवं जागरूकता से ही एड्स का खात्मा संभव:संजय कुमार

विश्व एड्स दिवस पर निकली गयी जागरूकता रैली

• एड्स पर जागरूकता के लिए युवाओं को प्रशिक्षण

• 2030 तक होगा राज्य से एड्स का उन्मूलन

पटना/ 1 दिसंबर

एचआईवी एक गंभीर बीमारी है. जिसे आम बोलचाल में एड्स यानि एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम बोला जाता है. हर साल विश्व एड्स दिवस दिसंबर माह की पहली तारीख यानि 1 दिसंबर को पूरी दुनिया में मनाया जाता है. ‘एचआईवी महामारी समाप्त: समुदाय से समुदाय तक’ इस साल के विश्व एड्स दिवस की थीम है.
विश्व एड्स दिवस के मौके पर आज पटना स्थित इको पार्क के नवनिर्मित गेट से “एच.आई.वी. एवं एड्स के प्रति जागरूकता रैली’ निकाली गयी.यह रैली इको पार्क के नवनिर्मित गेट से आरंभ होकर एयरपोर्ट मार्ग होते हुए बी.एम.पी-5 परेड मैदान परिसर में संपन्न हुई. इस रैली का उद्घाटन प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग,बिहार सरकार संजय कुमार ने हरी झंडी दिखाकर किया.
इस अवसर पर प्रधान सचिव ने कहा की वो हर चीज जो हमें और हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, उसके बारे में हमें चर्चा करनी चाहिए। एड्स बीमारी भी हमें प्रभावित करती है।इससे एक व्यक्ति का जीवन ही नहीं बल्कि उससे संबंधित अन्य लोगों का भी जीवन प्रभावित होता है। राज्य एड्स नियंत्रण समिति के प्रयासों से राज्य में एड्स पर काफी हद तक काबू पाया जा चुका है लेकिन इसकी चर्चा निरंतर होती रहनी चाहिए। एड्स लाईलाज बीमारी है तथा जानकारी एवं शिक्षा ही इससे बचाव का सबसे सशक्त जरिया है. सभी गर्भवती माता को नियमपूर्वक एड्स की जांच करानी चाहिए तथा यह सुविधा प्रखंड से लेकर जिला अस्पतालों तक निशुल्क उपलब्ध है.उन्होंने उपस्थित स्कूली क्षात्रों से भी अपने स्तर पर एड्स के बारे में जागरूकता फ़ैलाने की अपील की तथा रैली में शामिल सभी को अपनी शुभकामनायें दी।

कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति मनोज कुमार ने कहा चर्चा एवं जागरूकता के माध्यम से एड्स पर नियंत्रण संभव है तथा बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के प्रयासों से काफी हद तक इसपर काबू पाया जा चुका है. समिति द्वारा स्थापित विभिन्न महाविद्यालय में स्थापित रेड रिबन क्लब द्वारा एड्स से सम्बंधित सराहनीय कार्य किये जा रहे हैं तथा हमें एड्स के बारे में हर स्तर पर लोगों को जागरूक करना है. उन्होंने कहा संक्रमित माता से नवजात को होने वाले एड्स संक्रमण के खात्मे के लिए राज्य सरकार ने 2020 का लक्ष्य रखा है तथा 2030 तक राज्य को पूरी तरह से एड्स से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है.
यूनिसेफ के सी.एफ.ओ. असद्दुन रहमान ने बताया की यूनिसेफ द्वारा 179 युवाओं को एड्स के बारे में जागरूकता फ़ैलाने हेतु प्रशिक्षित किया गया है तथा वे समुदाय में एड्स के खिलाफ जंग में अहम् भूमिका निभा सकते हैं.
इस अवसर पर राज्य एड्स नियंत्रण समिति के अपर परियोजना निदेशक डा. अभय प्रसाद, यूनिसेफ के डा. हुब्बे अली के साथ स्वास्थ्य विभाग तथा राज्य एड्स नियंत्रण समिति के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे.

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