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“मूल्यनिष्ठ कार्य संस्कृति के प्रेरक व्यक्तित्व गांधी और शास्त्री”

जमालपुर। गायत्री शक्तिपीठ उपजोन जमालपुर के तत्वधान में गांधी जयंती की देर संध्या राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती को लेकर परिचर्चा आयोजित की गई।

“मूल्यनिष्ठ कार्य संस्कृति के प्रेरक व्यक्तित्व गांधी और शास्त्री” विषय पर आधारित परिचर्चा ने बुद्धिजीवी, समाजसेवी एवं आध्यात्मिक कार्यों से जुड़े लोगों ने हिस्सा लिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ प्रतिनिधि विजय कुमार शर्मा एवं संचालन उपजोन प्रतिनिधि मनोज मिश्र ने किया।

परिचर्चा में समाजसेवी ब्रह्मदेव मंडल दीनबंधु ने कहा कि एक सामान्य व्यक्ति की तरह स्वयं की मानवीय भूल और कमियों को सुधारते तथा प्रार्थना, गीत, सत्य और अहिंसा के व्रत का अभ्यास करते संघर्षशील गांधी ने अन्याय को पराजित किया।

उन्होंने ब्रिटिश गुलामी को तगड़ी चुनौती दी। गांधी और शास्त्री के मूल्य राजनीति और समाजसेवा के लिए प्रेरणा का प्रकाश स्तंभ है।

मनोज मिश्र ने कहा कि आचार्य श्रीराम शर्मा जी को अपने 15 वर्ष की उम्र में गांधीजी के साबरमती आश्रम में उनकी सानिध्य और सेवा का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने भी महात्मा गांधी के महानता के गुण अर्जित किए।

यमुना सिंह ने कहा कि गांधी के द्वारा बनाए गए स्वच्छता, संयमशीलता, समयबद्धता और कर्मशीलता जैसे सद्गुण व्यक्तिगत व सार्वजनिक जीवन के लिए अनुकरणीय है।

विजय कुमार शर्मा ने कहा कि प्रार्थना, गीत के विचार, सत्य, अहिंसा, सेवा के व्रत से प्राप्त आत्मशक्ति और आध्यात्मिक मूल्य से निर्मित गांधी का व्यक्तित्व और कृतित्व व्यापक परिपेक्ष में राष्ट्र को सशक्त को समर्थ बनाने की दिशा में सत्प्रेरणा का स्रोत है।

इस अवसर पर “आज है 2 अक्टूबर का दिन आज का दिन है बापू महान”, “सुनो सुनो ए दुनिया वालों बापू की ये अमर कहानी” गीत प्रस्तुत किए गए।

मौके पर वासुदेव पुरी, डॉ प्रदीप, शिवदत्त प्रसाद, शंभू सिंह, मौसम कुमार मौजूद थे।

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