– शिशु के समग्र विकास के लिए जरूरी है स्तनपान
– ममता, आशा व एएनएम को दिया गया है प्रशिक्षण
– सभी आरोग्य स्थलों पर लगाया गया है स्तनपान जागरूकता बैनर
– केयर इंडिया अधिकारियों द्वारा किया जा रहा अथक प्रयास
अररिया : 06 अगस्त
नवजात शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए 1 अगस्त से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है. नवजात शिशुओं को पहले 6 महीने केवल स्तनपान कराने से उनके स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है. इससे बच्चे के रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है. लोगों में स्तनपान सम्बधी जागरूकता लाने के लिए जिला स्वास्थ्य अधिकारियों तथा केयर इंडिया द्वारा हरसंभव प्रयास किया जा रहा है.
स्वास्थ्य कर्मियों दिया गया प्रशिक्षण :
स्तनपान कराने के सही तरीके, इससे होने वाले फायदे, शिशुओं में होने वाले क्षमता का विकास आदि जानकारी लोगों तक पहुँचाने के लिए क्षेत्र स्तरीय स्वास्थ्य कर्मियों का क्षमता वर्धन जरूरी होता है. इसके लिए आशा, एएनएम, ममता आदि को केयर इंडिया के अधिकारीयों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है. प्रशिक्षण का लाभ लेकर कर्मियों द्वारा क्षेत्र के लोगों में स्तनपान कराने के महत्व की जानकारी दी जा रही है. उन्हें शिशु के जन्म के 1 घंटे के भीतर स्तनपान कराने तथा प्रथम 6 माह तक केवल स्तनपान कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इन 6 महिनों के दौरान शिशुओं को किसी भी तरह का कोई अनुपूरक आहार नहीं दिया जाए, इसके लिए लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा जागरूक किया जा रहा है.
जागरूकता के लिए लगाए गए हैं बैनर :
लोगों में स्तनपान सम्बधी जागरूकता बढ़ाने के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों, आंगनवाड़ी केन्द्रों, टीकाकरण स्थलों पर बैनर लगाए गए हैं. इन बैनर्स का निर्माण ऐसे किया गया है जिससे लोगों को जानकारी आसानी से समझ आ सके. इसके लिए केयर इंडिया द्वारा चार्ट पेपर में चित्रात्मक जानकारी तैयार की गई है. चित्र द्वारा स्तनपान कराने के फायदे, सही तरीके आदि की जानकारी दी गई है. इन चित्रों की मदद से कम पढ़ी-लिखी महिलायें भी इसकी जरूरत और आवश्यकता की जानकारी आसानी से समझ सकेंगी.
महिलाओं तथा उनके परिवार को किया जा रहा जागरूक :
केयर इंडिया डिटीएल पर्णा चक्रवर्ती ने बताया स्तनपान सम्बधी जानकारी के लिए महिलाओं को विशेष रूप से जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में जितने भी स्वास्थ्य केन्द्रों पर किसी महिला द्वारा अपने नवजात शिशु के प्रसव या जांच के लिए आती हैं तो उन्हें तथा उनके परिवार वालों को केंद्र की आशा, एएनएम द्वारा स्तनपान के महत्व की जानकारी भी देती हैं. उन्हें अपने शिशु को प्रसव के 1 घण्टे के भीतर स्तनपान कराने और 6 माह तक केवल स्तनपान कराने की जानकारी दी जाती है. साथ ही उन्हें बताया जाता है कि स्वास्थ्य केन्द्रों में स्तनपान कराने के लिए अलग से स्तनपान कार्नर भी लगवाये गए हैं जहां पर महिलाएं सुरक्षित अपने शिशु को स्तनपान करा सकती हैं.
शिशु के समग्र विकास के लिए जरूरी है स्तनपान :
केअर इंडिया डिटीएल पर्णा चक्रवर्ती ने बताया स्तनपान कराने से शिशु का समग्र शारीरिक और मानसिक विकास होता है. साथ ही बच्चों का आइक्यू लेवल उंचा रहता है. नवजात को मां का पहला गाढ़ा व पीला दूध अवश्य पिलायें. यह रोग प्रतिरोधक एंटीबॉडीज व प्रोटीन से भरपूर होता है व कई तरह के संक्रमण से रक्षा करता है. समुचित स्तनपान करने वाले बच्चों में मोटापा, उक्त रक्त चाप एवं डायबिटीज होने की संभावना भी कम होती है. यह मां के स्वास्थ्य की भी रक्षा करता है.
1 घंटे के भीतर स्तनपान एवं 6 माह तक केवल स्तनपान जरुरी:
• शिशु जन्म के 1 घन्टे के भीतर स्तनपान कराना जरुरी होता है. माँ का दूध शिशु को कई तरह के संक्रमण से बचाव करता है.
• माँ के दूध में एंटीबॉडी होते हैं जो बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं.
• स्वास्थ्य संस्था में या किसी स्वास्थ्य कर्मी के द्वारा दूध की बोतलें, निप्पल या डमीज को बढ़ावा न दें.