• लोगों को उपलब्ध कराई खुद से बनाई गई मास्क
• कई लोगों को मुफ्त में भी बांटे मास्क
• मास्क निर्माण के कार्य से परिवार में आई आर्थिक संकट से हुई दूर
• परिवार के साथ सामाजिक संगठनों ने भी कार्य को सराहा
कटिहार : 20 जून
एक महिला अगर चाह ले तो वह हर मुश्किल समय से उबर कर खुद के परिवार के साथ ही समाज के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत बन सकती है. जिले के बारसोई प्रखंड के रघुनाथपुर ग्राम की महादेव जीविका स्वयं सहायता की आशा देवी कोरोना संक्रमणकाल में जहाँ मास्क बनाकर संक्रमण रोकथाम में सहयोग की है, वहीं मास्क निर्माण से वह अपने परिवार को आर्थिक स्थिति से उबारने में सफ़ल भी रही है.
कोरोना काल में मददगार साबित हुई सिलाई मशीन :
आशा देवी ने बताया कोरोना महामारी के दौरान सभी बाहरी कार्य लगभग बंद हो गए थे. इस वजह से उन्हें व उनके परिवार को शुरुआत के समय में थोड़ी-बहुत कठिनाई की सामना करना पड़ा. घर में उपलब्ध राशन भी धीरे-धीरे समाप्त होने लगा था. इस बीच उनके पति भी परदेश से घर वापस आ गए थे. इसी दौरान ग्राम संगठन के माध्यम से उन्हें मास्क बनाने के लिए प्रेरित किया गया. आरंभ में तो मास्क की बिक्री नहीं के बराबर हो रही थी, मगर वक्त के साथ ही धीरे-धीरे मास्क की मांग बढ़ने लगी एवं आशा देवी के द्वारा बनाये गए मास्क को लोगों ने पहनना शुरू कर दिया.
मुश्किल हालात में मिली उम्मीद की किरण :
आशा देवी बताती हैं उनके पति परदेश में काम करते हैं. लेकिन उनके पति की पर्याप्त आमदनी नहीं होने के कारण वह खेतों में मजदूरी करते हुए अपने परिवार का लालन-पालन करने में मदद करती थी. इन्हीं समस्याओं के बीच आशा देवी को वर्ष 2014 में महादेव जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ने का मौका मिला. उसके बाद से ही उसने अपने मजदूरी के साथ ही हो रही आर्थिक कमाई से बचत करने की शुरुआत की. कुछ दिनों बाद आशा देवी ने समूह से ऋण लेकर एक सिलाई मशीन खरीदी. सिलाई मशीन की मदद से सिलाई के साथ-साथ मजदूरी करते हुए उसने अपने परिवार को आर्थिक रूप से मदद करने लगी. जीविका समूह से जुड़ने के बाद से उनके आर्थिक स्थिति में सुधार होने की शुरुआत हो गई थी.
परिवार के लोगों का मिला सहयोग :
कोरोना के दौरान मास्क की बढ़ती मांग से काम में बढ़ोतरी होने लगी. ऐसी स्थिति में मास्क बनाने के काम में उनके साथ ही उनकी बेटियों ने भी सहयोग करना शुरू किया. आशा देवी द्वारा अभी तक कुल 6200 मास्क बनाये गए हैं. कोरोना काल में आशा देवी द्वारा बनाये गए मास्क को मनरेगा, पंचायत के मुखिया एवं अन्य संस्थाओं को भी उपलब्ध करवाया गया है. महामारी के दौरान लोगन की मदद करने के उद्देश्य से आशा देवी ने मास्क बनाकर जरुरतमंद लोगों के बीच मुफ्त में भी बांटा. उनके इस सराहनीय कदम पर पूरे गाँव ने उनका हौसला बढ़ाने के साथ उनकी हर मुमकिन मदद भी की.
आर्थिक स्थिति में होने लगा सुधार :
जीविका के रूप में काम करने से आशा देवी की आर्थिक स्थिति में भी बहुत सुधार होने लगा. विशेष रूप से कोरोना काल के दौरान हुए मॉस्क की बिक्री से उन्हें अच्छा फायदा हुआ है. आशा देवी ने बताया कोरोना के दौरान बनाये गए मास्क से आशा देवी को अब तक कुल 36000 रुपये का फायदा हुआ है. इससे इस विकट परिस्थिति में भी उनके पास घर का राशन के साथ ही अन्य जरूरत के सभी सामान उपलब्ध हैं. इन सब के लिए आशा देवी ने जीविका दीदीयों को दिल से धन्यवाद दिया है, जिन्होंने उन्हें कभी अकेला महसूस नहीं होने दिया व हर मुश्किल घड़ी में उनके साथ खड़ी रही.