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कोरोना काल में लोगों को जागरूक करने में सफल रहा चंचल

– कोरोना के प्रति लोगों को सतर्क करने में निभाई भूमिका
– जिले के डगरुआ प्रखंड के हरखेली गांव के हैं निवासी
– सतर्कता ही है कोरोना से बचाव का सर्वोत्तम वैक्सीन

पूर्णियाँ : 24 नवंबर

कोरोना संक्रमण अभी भी देश को अपनी गिरफ्त में रखा हुआ है. इससे बचने के लिए अभी तक किसी तरह की वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं की गयी है. ऐसे में लोगों को संक्रमण से बचने के लिए सतर्कता बरतने और जागरूक रहने की जरूरत है. दिन-दिन संक्रमण की संख्या में बढ़ोतरी के साथ संक्रमित व्यक्ति के साथ हो रहे भेदभाव या तिरस्कार की भावना का डर लोगों में मन में ज्यादा फैला है. इसके प्रति लोगों को जागरूक करने में मीडिया के साथ ही युवाओं ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने वालों में ऐसे ही एक युवा हैं चंचल कुमार. डगरुआ प्रखंड के हरखेली गांव के निवासी चंचल अपने क्षेत्र के लोगों को कोरोना को लेकर न केवल सतर्कता की जानकारी दे रहे हैं बल्कि संक्रमित लोगों के साथ भेदभाव या तिरस्कार की भावना को दूर करने के लिए भी जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं और वह इसमें सफल भी रहे हैं.

जागरूकता ही संक्रमण से बचाव का उपाय :

चंचल कुमार ने बताया कि देश में अबतक बहुत से लोग कोरोना संक्रमण का शिकार हो चुके हैं. अब तक देश में इसके वैक्सीन के उपलब्धता की कोई जानकारी नहीं मिली है. लेकिन वैज्ञानिकों द्वारा इस संक्रमण से खुद को बचाये रखने के लिए जरूरी उपायों की जानकारी दी गई है. अखबारों और सोशल मीडिया पर संक्रमण से बचाव एवं सतर्कता सम्बन्धी जानकारी प्रतिदिन दी जाती है. लेकिन बहुत से लोग इन नियमों का पालन नहीं करते हैं. उन्होंने बताया वह लोगों को इसका पालन करने के लिए जागरूक करने की कोशिश की है. जहां कहीं भी कोई लोग मास्क का उपयोग नहीं करते हुए, सोशल डिस्टेंसिंग का उलंघन करते हुए, बिना वजह किसी सामान को छूते हुए दिखाई देते तो उन्हें ऐसा करने से वह मना करते हैं. बात सुनकर बहुत से लोग खुद को शर्मिंदा महसूस करते हुए नियमों का पालन करना शुरू करने लगते हैं तो कुछ लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं. सार्वजनिक स्थलों पर ऐसा करने से बहुत से लोग संक्रमित होने से बच सकते हैं.

संक्रमित व्यक्ति से सहानुभूति रखने के लिए करते हैं प्रेरित :

लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने के साथ ही चंचल संक्रमित व्यक्ति के प्रति सहानुभूति रखने के लिए भी लोगों को प्रेरित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना से संक्रमित हो चुके लोग भी आपके अपने ही हैं. ऐसे में उनके संक्रमित होने की स्थिति में उन्हें मानसिक रूप से सहानुभूति की जरूरत होती है. क्वारंटाइन नियमों का पालन करते हुए बहुत से लोग संक्रमण से मुक्त हो सकते हैं और संक्रमण से उबर कर वह फिर सामान्य जीवन जी सकते हैं. ऐसे में संक्रमण के दौरान लोग या उनके परिवार से भेदभाव नहीं करना चाहिए. लोग सामाजिक दूरी रखते हुए उनलोगों से हालचाल ले सकते हैं. समाज का साथ संक्रमित व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान कर सकता है जो उनके जल्द रिकवर होने में मदद कर सकता है. अपने आसपास बहुत से लोगों से उन्होंने इस सम्बंध में चर्चा की है और उनका समर्थन भी मिला है. लोगों को इसे अमल में लाने के लिए चंचल लोगों को प्रेरित करते हैं।

गलत जानकारी रोकने का करते हैं प्रयास :

चंचल ने बताया कि कोरोना को लेकर सोशल मीडिया पर बहुत तरह की गलत जानकारियां फैली हुई दिखाई देती है. बहुत से लोग बिना तथ्यों का हकीकत जाने से शेयर कर देते हैं. वह खुद और अपने आसपास के लोगों को ऐसा करने से मना करता हैं. सभी जरूरी जानकारियां स्वास्थ्य विभाग, यूनिसेफ, जिला प्रशासन के आधिकारिक साइट्स के साथ ही अखबारों में भी उपलब्ध होती है. अगर कहीं किसी तरह की मिथ्या की जानकारी मिलती है तो इसकी सही सूचना नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों से ली जा सकती है. लोगों को ऐसी गलत जानकारीयों को शेयर करने से वह मना करने का प्रयास भी करते हैं।

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