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तनवीर हसन के नाम वापस नहीं लेने पर गिरिराज कितने सुरक्षित ?

पवन कुमार चौधरी की कलम से।

बेगूसराय/पटना। (एसबीएन पॉलीटिकल डेस्क)। लोकसभा चुनाव 2019 के इलेक्शन बैटल के बीच दुनिया भर की मीडिया की निगाहें आज बिहार के बेगूसराय लोकसभा सीट पर टिकी हुई है। माना जा रहा है कि सीपीआई के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे जेएनयू के टॉपर छात्र कन्हैया कुमार का रिजल्ट 23 मई को मतगणना के बाद जो भी निकले, मगर चुनावी अखाड़े में जोर शोर से तैयारियां में जुटे कन्हैया कुमार ने ना सिर्फ अपने क्षेत्र के मतदाताओं का दिल जीत लिया है बल्कि चुनाव से पहले ही कन्हैया ने अपने सबसे चिर प्रतिद्वंदी भाजपा के प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को पहले ही जुबानी शिकस्त दे दी है। कन्हैया कुमार के साथ लोगों की उमड़ती भीड़ एवं उनके समर्थन में आ रहे हर वर्ग के लोगों के हुजूम को देखते हुए माना जा रहा था कि महागठबंधन की ओर से राजद के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे तनवीर हसन अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। मगर, ऐसा कुछ हुआ नहीं। तनवीर हसन के नामांकन वापस नहीं लेने पर भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने थोड़ी राहत की सांस तो ली है। मगर उन्हें अभी पूरी राहत नहीं मिली है। कन्हैया जिस प्रकार से ताबड़तोड़ सभाएं कर रहे हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि महागठबंधन की पारंपरिक वोट बैंक को कन्हैया कुमार अपनी ओर मोड़ने में सफलता हासिल कर सकते हैं। उधर, गिरिराज भी कन्हैया को देशद्रोही साबित कर चुनावी जंग जीतने की जुगत में हैं। माना यह भी जा रहा है कि यदि पूर्व सांसद भोला सिंह के वोट बैंक को अपने पक्ष में लाकर भारतीय जनता पार्टी के वोट में कन्हैया सेंध लगाने में सफलता हासिल कर ली तो बेगूसराय लोकसभा सीट पर सीधी टक्कर सीपीआई प्रत्याशी कन्हैया कुमार एवं राजद प्रत्याशी तनवीर हसन के बीच देखने को मिलेगी।

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