•मांगों की पूर्ति होने तक अनवरत आंदोलन की घोषणा
• मुख्य न्यायाधीश को अधिवक्ताओं ने सौंपा ज्ञापन
पटना :
पटना हाई कोर्ट एवं अधीनस्थ कोर्ट को पर्वत नियमित संचालन के मांग को लेकर अधिवक्ता संघर्ष मोर्चा बिहार के बैनर तले एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया। धरना का आयोजन बार काउंसिल गेट के बगल में 11:00 बजे दिन से प्रारंभ हुआ। इस धरना में पटना हाईकोर्ट सहित अन्य कोर्ट के अधिवक्ता शामिल हुए। गौरतलब हो कि लगभग 7 महीने से पटना हाई कोर्ट सहित अधीनस्थ न्यायालयों में कोरोनावायरस के नाम पर संपूर्ण न्यायिक कार्य लगभग बंद है। वर्चुअल कोर्ट एवं ई कोर्ट के नाम पर केवल नाममात्र को कोर्ट का कार्य किया जा रहा है। मुकदमों की सुनवाई आंशिक रूप से हो रही है। विदित हो कि कोरोना महामारी के कारण निरंतर लॉकडाउन की स्थिति रही है। समय-समय पर लॉकडाउन में भी सरकारी कार्यालय काम करते रहे हैं सभी प्रकार की आवश्यक सेवाओं को संचालित किया जाता रहा है । जबकि न्यायालय को बंद कर दिया गया।
आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे अधिवक्ता:
न्यायालय के बंद होने से अधिवक्ताओं के समक्ष आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। आम जनता को भी न्याय पाने में मौलिक अधिकार से वंचित होना पड़ रहा है। आज जब सभी सरकारी निजी कार्यालय एवं संस्थान चल रहे हैं वैसी स्थिति में न्यायालय को बंद करना बिल्कुल गलत है। धरना को संबोधित करते हुए सभी अधिवक्ताओं ने पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मांग किया कि सभी न्यायालय को नियमित रूप से पूर्व की तरह संचालित किया जाए 7:00 से ही वक्ताओं ने आगे कहा कि मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में राज्य भर के अधिवक्ताओं उग्र आंदोलन के लिए विवश होंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। धरना के माध्यम से माननीय मुख्य न्यायाधीश को मांगों के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा गया। धरना की अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता अंगद सिंह ने की। जबकि संचालन अधिवक्ता उदय प्रताप सिंह एवं शत्रुघ्न पांडे ने संयुक्त रूप से किया। धरना को संबोधित करने वालों में मुख्य रूप से राम संदेश राय, रामजीवन सिंह, अशोक कुमार, जगदीश्वर प्रसाद, मंजू शर्मा, उपेंद्र कुमार, भीमसेन, मनीष कुमार, मणिलाल अंजुमबारी, सुनील कुमार, नीरज कुमार, प्रगति आनंद, सागर सुमन, अजय शर्मा, पवन सिंह, राजन दिव्यांशु, उदय कुमार सिंह, महेश रजक सहित अन्य शामिल थे।