जमालपुर। स्थानीय बड़ी आशिकपुर में संतमत के महात्मा स्वर्गीय मधुसूदन बाबा की आठवीं पुण्यतिथि पर संतमत सत्संग का आयोजन हुआ। इस अवसर पर सत्संग, प्रवचन, भजन, रामायण पाठ, आरती गान, भंडारा का आयोजन हुआ।
अपने प्रवचन में स्वामी गुरुदेव बाबा ने कहा कि जैसे दूध में घी व्यापक है, परंतु दूध में भी दिखाई नहीं पड़ता है, उसी प्रकार इस संसार में कण-कण में परमात्मा व्यापक रहते हुए भी इस चर्म चक्षु से नहीं देख सकते हैं। स्वर्गीय मधुसूदन बाबा बड़े सच्चे हृदय के महात्मा थे। घर परिवार में रहते हुए भी हमेशा सत्संग से जुड़े हुए थे। जहां-जहां सत्संग का आयोजन होता था, वहां वे समय निकालकर आश्रम जाते थे एवं सत्संग करते थे। यह मनुष्य शरीर ही ध्यान साधना करने का घर एवं मोक्ष का द्वार है।
स्वामी गौतम बाबा ने कहा कि सत्संग करने से ही ईश्वर प्राप्ति का मार्ग की जानकारी होती है। स्वर्गीय मधुसूदन बाबा बड़े सरल स्वभाव के महात्मा थे।
संयोजक शंभू तांती ने कहा कि यह दुख की बात है कि स्वर्गीय मधुसूदन बाबा का स्वर्गवास 8 वर्ष पहले हो गया था, परंतु उनके ऐसे समर्पित सत्संगी की यादें हम लोगों के हृदय में बनी रहेगी। मौके पर स्वामी गुरुदेव बाबा, स्वामी गौतम बाबा, शंभू तांती, अर्जुन तांती, ओम प्रकाश गुप्ता, प्रमोद यादव, सुभाष चौरसिया, दिवाकर तांती, राजन कुमार चौरसिया, शुभम कुमार, शंकर पंडित, पवन चौरसिया, सच्चिदानंद मंडल, मनोज तांती, मदन लाल मंडल, गणेश शाह, रामप्रीत तांती, देवनंदन प्रसाद, अभिमन्यु शाह, जागो बाबा, लालमणि, देवन साव, शिवचरण साह सहित दर्जनों सत्संगी मौजूद थे