StarBlueNews

बेहतर प्रसव व शिशु स्वास्थ्य प्रबंधन से आएगी मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी

77.3 प्रतिशत से अधिक मातृ एवं बाल सुरक्षा कार्ड का वितरण

प्रशिक्षित नर्स एवं चिकित्सकों द्वारा 58 प्रतिशत से अधिक प्रसव एवं 41.8 प्रतिशत से अधिक संस्थागत प्रसव

किशनगंज। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलायी जा रही है। योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर से लेकर सामुदायिक स्तर पर निरंतर प्रयास भी किए जा रहे हैं।

इससे मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में उतरोत्तर सुधार भी देखने को मिला है। जिसमें प्रसव, प्रसव पूर्व देखभाल एवं प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल को सुनिश्चित करने की चुनौती सबसे अहम है।

प्रसव एवं प्रसव-पूर्व देखभाल है जरूरी: मातृ मृत्यु में कमी लाने के लिए प्रसव पूर्व के साथ प्रसव के दौरान बेहतर देखभाल को महत्वपूर्ण माना जाता है।

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉप्युलेशन स्टडीज एवं राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2015-16) के अनुसार जिले में 41.8 प्रतिशत प्रसव अस्पतालों में होते हैं। जिसमें 58 प्रसव किसी प्रशिक्षित चिकित्सक या नर्स की निगरानी में संपादित होते हैं।

जिले में 77.3 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं मातृ एवं बाल सुरक्षा कार्ड प्राप्त करती हैं। लगभग 38 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं गर्भधारण के तीन महीने के अंदर प्रसव पूर्व जाँच कराती हैं, जबकि केवल 15.5प्रतिशत महिलाएं ही 4 प्रसव पूर्व जाँच करा पाती हैं। जिले में 66.2 प्रतिशत जन्म का पंजीकरण होता है।

वीएचएसएनडी पर बल : जिला सिविल सर्जन डॉ. परशुराम प्रसाद ने बताया ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) पर अधिक से अधिक गर्भवती माताओं के प्रसव पूर्व जाँच सुनिश्चित कराने पर बल दिया जा रहा है।

इसके लिए सभी एएनएम एवं आशाओं का क्षमता वर्धन भी किया गया है। साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के संबंधित प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के साथ क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को भी इसको लेकर विशेष निर्देश दिये गए हैं।

शिशु मृत्यु दर में कमी के लिए प्रारंभिक शिशु देखभाल का अहम योगदान : शिशु मृत्यु दर में कमी के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल को जरूरी माना जाती है।

रैपिड सर्वे ऑन चिल्ड्रेन (यूनिसेफ-2016) के अनुसार जिले में 50.9 प्रतिशत बच्चों का सम्पूर्ण टीकाकारण होता है। जबकि केवल 9.2 प्रतिशत नवजातों की जाँच सुनिश्चित हो पाती है। बच्चों के लिए विटामिन ए का डोज़ जरूरी होता है।

प्रसव पूर्व जाँच के फ़ायदे:

गर्भावस्था के दौरान संभावित जटिलताओं का पता लगना
सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित कराना
प्रसव के दौरान होने वाली स्वास्थ्य जटिलता को रोकना
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना

सरकारी योजनाएं :

सरकार मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही हैं। जिसमें संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जननी सुरक्षा योजना के तहत संस्थागत प्रसव कराने पर शहरी माता को 1200 रुपए एवं ग्रामीण माता को 1400 रुपए दिये जाते हैं।

प्रसवोत्तर सेवा को मजबूत करने के लिए जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम भी संचालित किया जा रहा है। जिसमें प्रसव के बाद माता को 48 घंटे अस्पताल में विशेष चिकित्सकीय सुविधा प्रदान करने के साथ निःशुल्क भोजन भी उपलब्ध कराने का प्रावधान है।

Exit mobile version