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मिशन इन्द्रधनुष 2.0 अभियान के दूसरे चक्र की हुई शुरुआत

सिविल सर्जन ने की अभियान की शुरुआत

• 6 जनवरी से 16 जनवरी तक चलेगा अभियान
• अभियान के दौरान 2795 बच्चे एवं 643 गर्भवती महिलाओं का होगा टीकाकरण

पूर्णियाँ : 06 जनवरी

जिले में विशेष टीकाकरण अभियान के अंतर्गत मिशन इंद्रधनुष अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत सिविल सर्जन डॉ मधुसूदन प्रसाद द्वारा जिला के डगरूआ प्रखंड के तिलिनियाँ रहिका में सोमवार को बच्चों को टीका लगाकर किया गया.
इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ मधुसूदन प्रसाद ने कहा जिले के छह प्रखंड डगरुआ, बायसी, बैसा, अमौर, धमदाहा व पूर्णियाँ पूर्व के शहरी इलाकों में मिशन इंद्रधनुष 2.0 का दूसरा चक्र चलाया जा रहा है. यह चरण 6 जनवरी से 16 जनवरी तक चलाया जाएगा. इसमें ऐसे 0 से 2 वर्ष के बच्चों व गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाएगा, जिनका नियमित टीकाकरण नहीं किया गया है. टीकाकरण से 12 जानलेवा बीमारियों से बच्चों व गर्भवती महिलाओं की जान बचाई जा सकती है. इसके लिए सभी आशाओं व सेविकाओं द्वारा अपने क्षेत्र के लोगों को निमंत्रण पत्र भी दिया गया है व टीकाकरण से होने वाले फायदों की जानकारी दी जा रही है.

2795 बच्चे एवं 643 गर्भवती माताओं को टीका:
इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ सुभाष चन्द्र पासवान ने बताया अभियान में 0 से 2 वर्ष के 2795 बच्चों एवं 643 गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण होना है. इसमें डगरुआ में 350 बच्चे व 61 महिलाएं, धमदाहा में 285 बच्चे व 147 गर्भवती महिलाएं, बायसी में 548 बच्चे 120 महिलाएं, बैसा में 677 बच्चे व 189 महिलाएं, अमौर में 323 बच्चे व 73 महिलाएं व पूर्णियाँ पूर्व में 612 बच्चे व 147 गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाएगा.

क्षेत्रों में फैलाई जा रही है जागरूकता :
अभियान के लिए क्षेत्रों में जागरूकता फैलाई जा रही है. इसके लिए आशाएं व आंगनवाड़ी सेविकाओं अपने क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निमंत्रण पत्र भी दे रही हैं. जिसमें टीकाकरण के स्थान व उनसे होने वाले फायदों के बारे में जानकारी उपलब्ध है. इसके अलावा टीकाकरण के दिन भी आशा द्वारा क्षेत्र के लोगों को बुलाकर टीकाकरण करवाया जा रहा है.

12 जानलेवा बीमारियों से बचाता है टीका:
बच्चों व गर्भवती महिलाओं को नियमित टीकाकरण बहुत जरूरी होता है. यह 12 तरह की जानलेवा बीमारियों से उनकी रक्षा करता है. इसमें टीवी/तपेदिक, पोलियो, हेपेटाइटिस बी, डिप्थीरिया/गलघोंटू, टेटनस, काली खांसी, हिमोफिलस इन्फ्लूएंजा(हिब), निमोकोकल निमोनिया, रोटा वायरस डायरिया, खसरा, रुबैला व जापानी इंसेफेलाइटिस(जेई) शामिल है. यह बच्चों व गर्भवती महिलाओं के लिए घातक है जिसके लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है.

शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने का उद्देश्य :
जिला कार्यक्रम प्रबंधक बृजेश कुमार सिंह ने बताया संपूर्ण टीकाकरण के लिए चलाए जा रहे मिशन इंद्रधनुष अभियान 2.0 के प्रथम चक्र जो 02 से 12 दिसम्बर 2019 में चलाया गया था. जिसमें शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया गया था. दूसरे चक्र जो 06 से 16 जनवरी 2020 तक चलेगा, इसमें भी शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने का उद्देश्य रखा गया है. इसका तीसरा चक्र 03 से 13 फरवरी 2020 व चौथा चक्र 02 से 16 मार्च 2020 को चलाया जाएगा.

कार्यक्रम में सीएस, डीआईओ, डीपीएम के अलावा डीसीएम संजय दिनकर, डगरुआ बीएचएम सुरेंद्र प्रसाद, बीसीएम प्रियंका कुमारी, एलएस स्वेता रानी, एएनएम रीना कुमारी, आशा सीमा देवी, आशा फेसिलेटर चीना कुमारी, सेविका रज़िया बेगम आदि उपस्थित थे.

टीकाकरण के बाद निम्न चीजों पर दें विशेष ध्यान :

• टीकाकरण के बाद 30 मिनट तक टीकाकरण स्थल पर बैठे.
• एएनएम द्वारा दिये गए टीका एवं वह किस बीमारी से बचाव हेतु लगाया गया है इसकी जानकारी प्राप्त करें.
• अपने बच्चे की अगले टीकाकरण की जानकारी भी अवश्य लें.
• टीकाकरण के बाद बच्चे को दर्द बुखार या अन्य लक्षण है तो तुरंत अपने क्षेत्र के आशा व एएनएम से संपर्क करें.
• टीकाकरण कार्ड हमेशा संभालकर रखें. वह आपके बच्चे के स्वास्थ्य संबंधित जानकारी के लिए जरूरी है.

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