• स्वास्थ्य विभाग ने प्रेस नोट जारी कर दी जानकारी
• प्रोटोकॉल के मुताबिक ईलाज नहीं करने पर हुई थी मौत
• मुजफ्फरपुर जिले की रहने वाली थी 8 वर्षीय चाँदनी
• हाइपोग्लाईसीमिया के कारण हुयी चाँदनी की मौत
मुजफ्फरपुर, 20 मई:
एईएस के प्रोटोकॉल के तहत सीतामढ़ी जिले के रुन्नी सैदपुर पीएचसी में ईलाज नहीं करने पर स्वास्थ्य विभाग ने वहां के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से बुधवार को बर्खास्त कर दिया है। मालूम हो कि 11 मई को रुन्नी सैदपुर पीएचसी में मुजफ्फरपुर निवासी 8 वर्षीय चांदनी भर्ती हुई थी। जिसका नियमानुसार उपचार नहीं करने पर उसकी मौत हो गयी थी। इस संदर्भ में डॉ सिंह से 15 मई को विभाग के द्वारा स्पष्टीकरण भी पूछा गया था। जिसके जवाब में डॉ. सिंह ने अपना स्पष्टीकरण बहुत ही अनौपचारिक ढंग से दिया था। जिसमें उन्होंने कहा है कि वह विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है। डॉ, सिंह के जवाब पर स्वास्थ्य विभाग ने असंतोष जाहिर करते हुए कहा है कि भर्ती होने के समय मरीज का ब्लड शुगर 26 मिलीग्राम/डेसीलीटर का होना स्पष्ट रूप से हाइपोग्लाईसीमिया का लक्षण था. ऐसी स्थिति में किसी भी सामान्य पैरामेडिक के द्वारा डेक्सट्रोज बोलस का डोज देकर रोगी की स्थिति बेहतर की जा सकती थी. इससे मालूम चलता है कि डॉ.सिंह में मानवीय संवेदना का ह्रास है. इसी के कारण बच्ची की मौत हुयी थी. विभाग ने इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने डॉ सिंह की मेडिकल रजिस्ट्रेशन को निरस्त करने की अनुशंसा बिहार मेडिकल काउंसिल ऑफ रजिस्ट्रेशन, पटना से की है।
प्रोटोकॉल के मुताबिक नहीं किया गया उपचार:
11 मई की दोपहर 4.26 बजे चाँदनी को गंभीर हालत में सीतामढ़ी जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रुन्नी सैदपुर, में भर्ती कराया गया था. भर्ती के समय रोगी के शरीर का तापमान 98 डिग्री फारेनहाईट था एवं ब्लड शुगर 26 मिलीग्राम/डेसीलीटर था जो हाइपोग्लाईसीमिया को दर्शाता है. ऐसी स्थिति में निर्धारित प्रोटोकॉल के मुताबिक रोगी को तत्काल कर्तव्य पर उपस्थित चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा 10% डेक्सट्रोज की खुराक देनी चाहिए थी. लेकिन मौके पर उपस्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रुन्नी सैदपुर, के चिकित्सा पदाधिकरी डॉ. अनिल कुमार सिंह द्वारा मात्र सेफट्रीयाजोन 500 मिलीग्राम आइवी दवा देकर रोगी को मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में रेफर कर दिया गया. हालाँकि, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रुन्नी सैदपुर, में एईएस/जेई की चिकित्सा के लिए निर्धारित एसओपी के अनुसार सभी दवाएं एवं उपकरण उपलब्ध रहने के बावजूद डॉ. सिंह द्वारा प्रोटोकॉल के अनुसार रोगी की चिकित्सा नहीं की गयी.
एसकेएमसीएच में बच्ची को गँवानी पड़ी जान:
चाँदनी को रात 1.10 बजे एसकेएमसीएच में भर्ती किया गया. जांचने पर उसका ब्लड शुगर 22मिलीग्राम/डेसीलीटर पाया गया. रोगी को बार-बार कनवलशन हो रहा था एवं बेहोशी की स्थिति थी. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एसकेएमसीएच के चिकित्सकों द्वारा समुचित चिकित्सा प्रदान की गयी. इसके बावजूद भी रोगी की स्थिति में सुधार नहीं आया एवं अंततः 13 मई को रात्रि 12.40 बजे चाँदनी को अपनी जान गँवानी पड़ी