जमालपुर। संतमत सत्संग आश्रम नयागांव के तत्वधान में सत्संगी साधिका स्वर्गीय सरस्वती देवी की छठी पुण्यतिथि पर विशेष संतमत सत्संग का आयोजन किया गया।
सद्गुरु महर्षि मेंही महाराज की स्तुति, प्रार्थना, पुष्पांजलि, भजन, प्रवचन एवं आरती गान किया गया।
मुख्य प्रवचनकर्ता स्वामी नरेंद्र बाबा ने कहा कि स्वर्गीय सत्संगी साधिका सरस्वती देवी 16 वर्ष पूर्व आज ही के दिन 70 वर्ष की उम्र में दिवंगत हुई थी। वह सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी से दीक्षित सत्संगी थी।
वह एक अध्यात्म एवं साधनशील सत्संगी थी। सत्संग करने से सभी देवी देवता प्रसन्न हो जाते हैं। जो लोग सत्संग में मन लगाते हैं, उनका मनुष्य जन्म सफल हो जाता है। स्व सरस्वती देवी इसकी प्रतिमूर्ति थी। वह सद्गुरु एवं सत्संग के प्रति आस्थावान थी।
स्वामी गुरुदेव बाबा ने कहा कि स्व सरस्वती देवी सत्संग के प्रचार-प्रसार में तन-मन-धन से आगे रहती थी। यही कारण है कि सत्संगी लोग आज भी उन्हें याद कर रहे हैं।
आश्रम के प्रचार मंत्री राजन कुमार चौरसिया ने कहा कि स्व सरस्वती देवी याचक को कभी खाली हाथ नहीं लौटाती थी। वह किसी भी आध्यात्मिक कार्य एवं पूजा-पाठ में सहयोग करने में आगे रहती थी। वह एक अच्छे भजन गायिका थीं। उन्हें बहुत सारे भजन कंठस्थ था।
व्यवस्थापक सुभाष चौरसिया ने कहा कि वह महिला सत्संग कमेटी की संचालिका भी थी। वह रामायण पाठ एवं निर्गुण गाने में काफी प्रसिद्ध थी।
मौके पर शोभा देवी, रेखा देवी, रुकमणी देवी, सुशीला देवी, महेश्वरी देवी, निर्मला शर्मा, अर्जुन तांती, सीताराम वैद्य, ओमप्रकाश गुप्ता, जयशंकर प्रसाद, शिवचरण साह, सूर्य नारायण, चंद्रशेखर मंडल, अशोक तांती, अभिमन्यु साह, अधिवक्ता आशीष कुमार, पवन चौरसिया, प्रमोद यादव, बिंदेश्वरी प्रसाद सहित दर्जनों श्रद्धालु मौजूद थे।