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135 वीं जयंती पर याद किए गए राजेंद्र बाबू

लखीसराय। लिटिल फ्लावर पब्लिक स्कूल पचना रोड लखीसराय में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जी की 135वीं जयंती मनाई गई।

प्राचार्य अवधेश कुमार निराला के निर्देशन में बच्चों के बीच विद्यालय प्रांगण में KBC कौन बनेगा चैम्पियन प्रतियोगिता आयोजित किए गए। प्रतियोगिता की घोषणा करने के साथ हाट सीट के लिए दस छात्रों का चयन किया गया।

जिसमें रत्न दीप, संदीप, ईशा, सिमरन, सजना, शिवानी, मुस्कान, खुशी कुमारी, ईशु कुमार एवं राजा कुमार शामिल है। श्री निराला ने राष्ट्रपति के तैलीय चित्र पर माल्यार्पण कर विद्यार्थियों को राजेंद्र प्रसाद की जीवनी से अवगत कराया।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसम्बर 1884 में बिहार के सिवान जिले के जिरादेई गांव में हुआ था। ये कायस्थ समुदाय के मध्यम परिवार के थे। इनके माता का नाम कमलेश्वरी देवी एवं पिता महादेव सहाय है। इन्होंने अपने प्रारंभिक शिक्षा बिहार के छपरा जिले में प्राप्त किया। वे बचपन से ही पढ़ाई में तीछण थे। जिसके बल पर 1915 में 31वर्ष की आयु में ही कोलकाता लॉ विश्वविद्यालय के प्रवेश परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त कर बिहार को गौरवान्वित किया और चर्चा में आ गए।

जिससे देश की आज़ाद के बाद इनकी प्रतिभा के अनुसार इन्हें भारतीय गणराज्य का पहला राष्ट्रपति 1950 में बनने का गौरव हासिल हुआ। दो बार राष्ट्रपति के कार्यकुशलता के बाद 1962 मे सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था।

उन्होंने कहा कि इनके जीवन आदर्शों से प्रेरणा लेकर हम सभी पढ़-लिख एक आदर्श महामानव बन सकते है। इसके अलावा उन्होंने देश के आजादी के पुरोधा गांधी जी से प्रभावित होकर आजादी के लिए जेल गए यातनाएं भी सहे।

विद्यालय के शिक्षक कन्हैया कुमार, विक्की कुमार, अंजलि कुमारी, लक्ष्मी कुमारी, पिंकी कुमारी, उज्जवल कुमार, राजू कुमार, सुरेंद्र कुमार, अमरजीत कुमार, अनुराधा कुमारी आदि ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के तैलीय चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर बच्चों को राष्ट्रपति के कार्यकुशलता का चित्रण करते हुए विद्यालय प्रांगण में होने वाले KBC प्रतियोगिता में अव्वल प्रतिभा के लिए प्रेरित किया।

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