पटना। (एसबीएन पॉलीटिकल डेस्क)। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्रीय एजेंसियों द्वारा गैर भाजपा शासित प्रदेशों में की जा रही कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस की ओर से केंद्र सरकार पर लगाए जा रहे आरोप पर ऐतराज जताया है। उन्होंने बयान जारी कर कहा है कि गैर भाजपा शासित राज्यों को केन्द्रीय एजेंसियों की कार्रवाई पर एतराज क्यों है? क्या कांग्रेस को भ्रष्टाचारियों के संरक्षण का संविधान प्रदत्त कोई अधिकार है? अगर ऐसा नहीं तो, आयकर की कार्रवाई का मध्य प्रदेश की पुलिस को विरोध करने का निर्देश किसने दिया? क्या अब कांग्रेस यह घोषणा करने वाली है कि अगर उसकी सरकार बनी तो देश के सभी भ्रष्टाचारियों, घोटालेबाजों को दोषमुक्त कर लूट की खुली छूट दे देगी?
सुशील मोदी ने अपने बयान में यह भी कहा है कि सारदा चिट फंड घोटाले में सीबीआई द्वारा कोलकाता के पुलिस आयुक्त से पूछताछ के खिलाफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का धरना पर बैठना, भ्रष्ट ठेकेदारों के खिलाफ आयकर की छापेमारी के विरोध में कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी का आयकर कार्यालय के सामने धरना देना, दिल्ली के मुख्य सचिव से पूछताछ के खिलाफ उपराज्यपाल के घर के सामने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का घरना देना क्या साबित करता है?
मोदी ने सीधे-सीधे कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि आखिर कांग्रेस शासित राज्यों छतीसगढ़, राजस्थान आदि को सीबीआई के राज्य में प्रवेश और कार्रवाई पर एतराज क्यों है? क्या कांग्रेस और गैर भाजपाई विपक्षी दलों ने यह तय कर लिया है कि भ्रष्टाचार और घोटाले के चाहे कितने भी संगीन मामले हो, उनके राज्यों में किसी राजनेता, कारोबारी, बिचैलिए आदि के खिलाफ केन्द्रीय एजेंसी कोई कार्रवाई नहीं करेगी?
सूमो ने कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि क्या इस तरह से लोकतंत्र और संधीय ढांचे को बचाया जा सकता है? क्या भाजपा के विरोध के लिए केन्द्रीय एजेंसियों के विरोध की इस प्रवृति से देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा खतरे में नहीं पड़ जायेगी?