स्थानीय ग्रामीण महेंद्र मांझी, गाजो मांझी, चरित्तर माझी, विजय माझी, सदानंद पासवान, यदुनंदन पासवान, कैलाश पासवान, राजनीति पासवान ,प्रताप पासवान ,नंदन पासवान, रघुनंदन पासवान सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि आजादी के 71 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक रांगा मुसहरी गांव के दलित महादलितओं को सड़क नसीब नहीं हो पाया है ।सरकार ने घोषणा किया था की प्रत्येक गांव को मुख्य सड़क से जोड़ा जाएगा। लेकिन रंगा मुसहरी गांव के लोगों को आज तक मुख्य सड़क से जोड़ने का किसी जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने सच्चे दिल से पहल नहीं किया। स्थानीय विधायक विजय कुमार विजय तथा सांसद वीणा देवी ने भी आज तक कोई पहल नहीं किया। जिस कारण ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार का निर्णय लिया है।
21 जनवरी 2018 को सड़क निर्माण को लेकर हुई थी हिंसक झड़प
रांंगा मुसहरी गांव के सड़क निर्माण को लेकर पिछले वर्ष 21 जनवरी 2018 को दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। हिंसक झड़प के बाद दोनों ओर से अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। कई लोगों को जेल के सलाखों के अंदर भी जाना पड़ा था।
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हिंसक झड़प के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने शुरू की थी सड़क निर्माण को लेकर कवायद
रंगा मुसहरी गांव में सड़क निर्माण को लेकर हिंसक झड़प की घटना घटने के बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने ग्रामीणों को मुख्य सड़क से जोड़ने का आश्वासन दिया था।तत्कालीन सीओ भुनेश्वर यादव ने सड़क निर्माण के लिए जमीन की मापी भी कराई थी। जिला प्रशासन के आला अधिकारियों ने ग्रामीणों को दरियापुर स्थित पेट्रोल टंकी के समीप से सड़क निर्माण के लिए जमीन मुहैया कराने का वादा महादलित से किया था ।लेकिन वादा आज तक पूरा नहीं हो पाया। प्रशासनिक अधिकारियों का वादा पूरा नहीं होने से खफा ग्रामीणों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद किया ।