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अररिया : कोविड-19 से बुजुर्गों के बचाव के लिए चलाया जा रहा दादा-दादी, नाना-नानी अभियान

बुजुर्गों को दी जा रही कोरोना से बचाव की जानकारी

– जिला प्रशासन व पिरामल फाउंडेशन द्वारा चलाया जा रहा कार्यक्रम

– हर घर तक के बुजुर्गों तक पहुंचने का किया जा रहा प्रयास

अररिया : 01 जून

 

कोरोना से बचाव के लिए बुजुर्गों पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. विशेष रूप से ऐसे बुजुर्ग जिनकी उम्र 60 साल से ऊपर की है. इस उम्र में उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, जिसके कारण उनके संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है. ऐसी स्थिति से निपटने और इस महामारी के दौरान बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने के लिए नीति आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन के साथ पिरामल फाउंडेशन ने दादा-दादी, नाना-नानी अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान के तहत पिरामल फाउंडेशन द्वारा हरेक स्तर पर बुजुर्गों से सम्पर्क कर उन्हें इस महामारी से बचाव हेतु आवश्यक निर्देश देने के साथ ही जरूरत के साधन भी उपलब्ध कराई जा रही है.

 

स्थानीय वोलेंटियर्स व जीविका की ली जा रही मदद :

दादा-दादी,नाना-नानी अभियान हेतु बुजुर्गों तक पहुंच बनाने के लिए पंचायत स्तर पर स्थानीय वोलेंटियर्स व जीविका दीदीयों की मदद ली जा रही है. हर घर तक के बुजुर्गों तक पहुंच बनाने के लिए इस अभियान में पूरे जिले में लगभग 60-70 वोलेंटियर्स के अलावा जिले के सभी 1719 जीविका कर्मियों को लगाया गया है. इसके लिए सभी वोलेंटियर्स को फाउंडेशन द्वारा ओरिएंटेड भी किया गया है. जीविका के डीपीएम ओम प्रकाश के सहयोग से अभी तक जिले के लगभग 50 हजार बुजुर्गों तक हमारी पहुंच बनाई जा चुकी है. अन्य बुजुर्गों को भी इसमे शामिल किया जा रहा है. इनके द्वारा ही बुजुर्गों तक पहुंच बनाकर संस्थान द्वारा उन्हें कोरोना के प्रति जागरूक किया जा रहा है और उन्हें उनके स्वास्थ्य, दवा, जांच आदि की जानकारी ले कर जरूरी सुविधा उन तक उपलब्ध कराई जा रही है.

 

अभियान को सार्थक करने में लगा है पिरामल फाउंडेशन :

पिरामल फाउंडेशन के डिस्ट्रिक ट्रांसफॉर्मेशन प्रोग्राम मैनेजर कुमार आशुतोष ने बताया दादा-दादी, नाना-नानी अभियान बुजुर्गों के खास खयाल रखने हेतु चलाया जा रहा है. यह नीति आयोग द्वारा निर्देशित किया गया अभियान है, जिसमें जिला प्रशासन के साथ मिलकर फाउंडेशन द्वारा हर स्तर के बुजुर्गों तक अपनी पहुंच स्थापित कर उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा रहा है. पूरे जिले में लगभग 1 लाख 27 हजार बुजुर्गों की संख्या है. इन सभी बुजुर्गों तक पहुंचने के लिए स्थानीय वोलेंटियर्स और जीविका की मदद से जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की जा रही है कि किन बुजुर्गों को किस तरह की समस्या का सामना कोविड-19 के दौरान हो रहा है. जैसे कि किसी बीमार बुजुर्ग को दवा की जरूरत हो, राशन कार्ड में नाम न जुड़ा हो, खाने-पीने की तकलीफ हो, बैंक में वृद्धापेंशन के मिलने में समस्या हो आदि. उन सभी प्रकार की समस्याओं को सम्बंधित विभाग को सूचित कर इसे दूर करने का कोशिश फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है.

 

इन बातों की दी जा रही है जानकारी :

कुमार आशुतोष ने बताया वोलेंटियर्स व जीविका द्वारा बुजुर्गों को कोविड-19 से बचाव के लिए इन चार पहलुओं पर जानकारी दी जा रही है. पहला ये कि कोरोना संक्रमण के दौरान बुजुर्ग अपने आप को किस प्रकार सुरक्षित रख सकते हैं. दूसरा अगर किसी तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी है तो वह क्या है और उसके लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर उनकी समस्या को दूर करने का प्रयास किया जाता है. तीसरा अगर बुजुर्गों में किसी तरह का सिम्पटम्स है या नहीं और अगर है तो उनके आंकड़े को स्वास्थ्य की टीम के साथ अग्रेतर करवाई के लिए साझा किया जाता है और चौथा अगर उनको आवश्यक सेवाओं (राशन, दवाई, बैंक सम्बन्धी समस्या, सामजिक सुरक्षा योजना से संबंधित) को प्राप्त करने में कोई समस्या है तो उनके आंकड़े को लेकर प्रशासन के साथ साझा किया जाता है.

 

बुजुर्गों को अधिक संक्रमण का खतरा :

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के अनुसार बुजुर्गों में कोवीड-19 के संक्रमण का खतरा आम लोगों की तुलना में दोगुना अधिक होता है. इसलिए बुजुर्गों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. ख़ास कर ऐसे बुजुर्ग जो किसी गंभीर रोग जैसे मधुमेह, ह्रदय रोग, फेफड़े एवं गुर्दे के रोग से पीड़ित हों, उनके परिवार को बुजुर्गों का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है. इसके लिए जरुरी है कि बुजुर्गों के आहार का भी ध्यान रखा जाना चाहिए.

 

कोरोना से बचाव के लिए इन बातों का ध्यान रखें बुजुर्ग :

 

• हाथों को बार-बार साबुन और पानी से 20 सेकण्ड तक धोएं, खासकर खाने से पहले और शौच के बाद निश्चित रूप से हाथों को अच्छी तरह से धुल लें.

• घर पर हल्का-फुल्का व्यायाम और योगा करें.

• घर के ज्यादा इस्तेमाल होने वाले सामानों की सफाई (सेनेटाइज) करते रहें.

• घर पर ही बना तजा और गर्म खाना खाएं, बार-बार पानी पीते रहें, प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिए फलों का जूस पियें.

• खांसते या छींकते समय टिश्यू पेपर या रुमाल का इस्तेमाल करें और टिश्यू पेपर को बंद कूड़ेदान में ही फेंके.

• गर्मी को देखते हुए शरीर में पानी की कमी न होने पाए खासकर किडनी और ह्रदय रोगी बार-बार पानी पीते रहें.

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