पूर्णियाँ : गर्भवती महिलाएं रखें अपना ख़ास ख्याल, प्रसव पूर्व जाँच के लिए अस्पताल में जाने से पहले बरतें सावधानी
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• एम्स, दिल्ली के चिकित्सकों द्वारा दी गयी विस्तार में सलाह • सामन्य लोगों की तुलना में गर्भवती महिलाएं अधिक खतरे में नहीं
• संक्रमित गर्भवती महिला को विशेष देखभाल की जरूरत
पूर्णियाँ/ 11 अप्रैल:
कोरोना का संक्रमण दिन व दिन देश में बढ़ता जा रहा है. लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए सरकार द्वारा कई स्तर पर प्रसंशनीय प्रयास भी किये जा रहे हैं. जिसमें सरकार द्वारा अन्य जरुरी चिकित्सकीय सेवाओं को मुहैया कराने पर भी ध्यान दिया जा रहा है. इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं को आवश्यक चिकित्सकीय सुविधा प्रदान कराए जाने के उद्देश्य से एम्स, दिल्ली के चिकित्सकों के सहयोग से विडियो जारी कर जानकारी दी है. वीडियो के माध्यम से देशभर में लॉकडाउन की स्थिति में गर्भवती माताओं को प्रदान की जाने वाली जरुरी चिकित्सकीय सेवाएं एवं देखभाल पर विस्तार से जानकारी दी गयी है.
गर्भस्थ शिशु में संक्रमण प्रसार का ख़तरा नहीं:
वीडियो के माध्यम से एम्स के चिकित्सकों ने इस बात को स्पष्ट किया है कि संक्रमण का प्रसार गर्भवती माताओं से उनके गर्भस्थ शिशु को होने का खतरा नहीं है. ऐसी किसी रिपोर्ट से इस बात की अभी तक पुष्टि भी नहीं हुयी है कि गर्भवती माताओं को सामान्य लोगों की तुलना में कोरोना का खतरा अधिक है.
गंभीर रोग से ग्रसित गर्भवती माताओं को कोरोना से हो सकता है खतरा:
एम्स के चिकित्सकों ने यह जानकारी दी है कि यदि गर्भवती महिला किसी गंभीर रोग से ग्रसित हों तब उन्हें कोरोना से खतरा अधिक हो सकता है. यदि गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के दौरान हाइपरटेनशन, मधुमेह, अस्थमा, एचआईवी, ह्रदय रोग, गंभीर लीवर, किडनी या फेफड़े का रोग जैसे रोग से पीड़ित हों तो गर्भवती को कोरोना से बचने के लिए विशेष ध्यान रखने की जरूरत है.
प्रसव-पूर्व देखभाल के प्रति रहें सावधान :
ऐसी गर्भवती माता जो कोरोना से संक्रमित नहीं हैं, उसे चिकित्सकों ने प्रसव-पूर्व देखभाल को लेकर सावधान रहने की हिदयात दी है.
• रूटीन चेक-अप के लिए अस्पतालों में फ़िलहाल जाने से परहेज करें या लंबे अंतरल पर ही अस्पताल जाएं.
• सीमित लोगों के साथ ही अस्पताल में रूटीन चेक-अप के लिए जाएं.
• गर्भावस्था के दौरान जटिलता होने की दशा में चिकित्सक से फ़ोन पर बात करें एवं समय मिलने पर चिकित्सक के साथ अकेले में मिलें.
• खान-पान पर विशेष ध्यान दें. आहार में प्रोटीन, विटामिन एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों को शामिल करें.
• आटोमेटिक ब्लड प्रेशर मशीन से नियमित तौर पर घर पर ही रक्तचाप रिकॉर्ड करें.
• घर में ही अपना वजन भी रिकॉर्ड करें.
मैटरनिटी हेल्थ वर्कर बरतें सावधानी :
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर मैटरनिटी वार्ड के हेल्थ वर्कर को भी विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. उनकी जिम्मेदारी है कि वे खुद भी संक्रमण से सुरक्षित रहें एवं गर्भवती माता के साथ नवजात को भी संक्रमण से बचाव करें.
• माता को कोरोना संक्रमण से बचाव.
• नवजात का संक्रमण से बचाव.
• कोरोना पीड़ित गर्भवती से दूसरी गर्भवती में संक्रमण फैलने का बचाव.
• कोरोना पीड़ित गर्भवती से हेल्थ वर्कर में संक्रमण फैलने का बचाव
इसके लिए मैटरनिटी वार्ड में सामाजिक दूरी, बेहतर हैण्ड हाइजीन एवं हेल्थ वर्कर के द्वारा व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों के इस्तेमाल से संक्रमण फैलने से रोका जा सकता है.