पूर्णियाँ: जनसंख्या स्थिरीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है एएनएम मेनका कुमारी
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• अपने क्षेत्र के लोगों को दे रही परिवार नियोजन के साधन की जानकारी
• परिवार नियोजन के अस्थायी विधि के उपयोग पर दे रही जोर
• कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए भी प्रयासरत है एएनएम मोनिका
पूर्णियाँ : 17 जुलाई
कोरोना संक्रमण के बीच परिवार नियोजन पर समुदाय में अलख जगाने के मकसद से 11 जुलाई से 31 जुलाई तक जिले में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जा रहा है. पखवाड़े को सफल बनाने के लिए अग्रिम पंक्ति में खड़ी आशा एवं एएनएम महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं. जिले की केनगर प्रखंड की खेमचंद गांव की एएनएम मेनका भी ऐसी विकत परिस्थिति में सराहनीय कार्य कर रही है. कोरोना संक्रमण पर लोगों को लोगों को जागरूक करने के साथ परिवार नियोजन पर समुदाय में अलख जगाने की दोहरी जिम्मेदारी को मेनका बखूबी अदा कर रही है.
परिवार नियोजन के साधनों की दे रही है जानकारी :
जिले के केनगर प्रखंड की खेमचंद गांव की एएनएम मेनका अपने क्षेत्र के लोगों को परिवार नियोजन सम्बधी सभी जानकारियां दे रही हैं. उन्होंने बताया गांव होने और बहुत से लोगों के अशिक्षित होने के कारण लोगों को परिवार नियोजन के सुविधाओं की जानकारी नहीं है. वह क्षेत्र भ्रमण और आंगनवाड़ी केंद्रों में टीकाकरण के दौरान सभी लोगों को इसकी जानकारी देती है. यहां के लोगों को परिवार नियोजन के स्थायी साधन के रूप में केवल महिला नसबंदी की ही जानकारी है. इसलिए वह अपने क्षेत्र में पुरुष नसबंदी पर भी लोगों को जागरूक कर रही है. उन्होंने बताया जिन लोगों को पुरुष नसबंदी के विषय में जानकारी है, वे भी भ्रांतियों के कारण सामने नहीं आते हैं. इसलिए वह लोगों को यह बताती है कि पुरूष नसबंदी आसान है और इससे उनकी पौरुषता पर कोई फर्क नहीं पड़ता है. उन्होंने बताया पखवाड़े के दौरान अस्थायी साधनों के रूप में माला-एन, छाया, इजी पिल्स, अंतरा, कण्डोम इत्यादि का इस्तेमाल करने की भी जानकारी दी है. एएनएम मोनिका कुमारी ने बताया अस्थायी साधनों का उपयोग कर लोगों को बच्चों के बीच में अंतर रखने की भी जानकारी दी जाती है. इसके साथ ही दो बच्चों वाली छोटा परिवार, सुखी परिवार जैसी जानकारियां भी लोगों को दी जाती है.
क्षेत्र में लोगों के बीच आ रहा बदलाव :
एएनएम मेनका ने बताया पहले लोग परिवार नियोजन सेवाओं का लाभ नहीं ले पाते थे. उनके बीच अनेक तरह की भ्रांतियां और संकोच की भावना भी होती थी. पर धीरे-धीरे लोगों को इसकी उपयोगिता समझ आने लगी. आंगनबाड़ी केंद्रों पर टीकाकरण के समय बच्चों की माताओं को विशेष रूप से समझाया गया. इन सुविधाओं की उपयोगिता और इसके कोई साइड इफेक्ट्स न होने की जानकारियां समझाई गई, जिससे लोगों में बदलाव आने लगे. धीरे-धीरे लोग परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों का उपयोग करने लगे. महिलाओं में विशेष रूप से बदलाव आया. अब क्षेत्र की महिलाएं अस्थायी सुविधा का लाभ ले रही है और अगर किसी को कोई समस्या होती है या अन्य किसी तरह की जानकारी चाहिए होती है तो वह खुद से आकर पूछती और समझती है. पुरुषों में भी परिवार नियोजन को लेकर बदलाव दिखता है.
लोगों के जागरूकता के लिए मनाया जा रहा जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा :
प्रजनन एवं मातृ स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले वजहों की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए 11 जुलाई से 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का आयोजन किया गया है. इसके लिए भी एएनएम द्वारा घर-घर जाकर लोगों को परिवार नियोजन की जानकारी देने के साथ साथ चिन्हित किये गए लाभार्थियों को इसकी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.
कोरोना संक्रमण से बचाव संबंधित जानकारी भी दे रही है एएनएम :
अभी के समय में कोरोना संक्रमण से बचाव संबंधित जानकारी भी एएनएम द्वारा लोगों को दी जा रही है. एएनएम ने बताया टीकाकरण के लिए उनके द्वारा क्षेत्र भ्रमण किया जाता है. इस दौरान लोगों को संक्रमण से बचाव की जानकारी दी जाती है. उन्हें पूरी तरह से मास्क का उपयोग करने, बिना वजह घर से बाहर न निकलने, नियमित रूप से साबुन से हाथ धोने, सोशल डिस्टेनसिंग का पालन करने सम्बंधित जानकारियां भी दी जाती है.