पूर्णियाँ : रंग लायी आशा सुचिता की मेहनत, लोगों में फैली है जागरूकता
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• कोरोना को लेकर क्षेत्र के लोग रहते हैं सतर्क
• आशा को देते हैं बाहर से आए लोगों की जानकारी
• आशा द्वारा क्षेत्र के लोगों को दिया गया है मॉस्क
• भेदभाव नहीं बल्कि सतर्कता पर आशा दे रही जोर
पूर्णियाँ : 13 जुलाई
कोरोना संक्रमण की स्तिथि दिनों दिन बढ़ती जा रही है, जिसे रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा हरसंभव प्रयास किया जा रहा है. हर जगह स्थानीय स्तर पर इससे निपटने के लिए आशा कार्यकर्ताओं द्वारा गृह भ्रमण कर लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव की जानकारी दी जा रही है. कोरोना वारियर्स की ऐसी ही भूमिका निभा रही है पूर्णियाँ पूर्व प्रखंड के कृष्णापूरी, बेलौरी की आशा सुचिता सिंह. उन्होंने अपने क्षेत्र में न केवल लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक किया है बल्कि लोगों में कोरोना संक्रमित व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं करने सम्बंधी जानकारी भी दी है.
घर-घर जाकर फैलाई है कोरोना सम्बंधित जानकारी :
जब से कोरोना संक्रमण की शुरुआत हुई तभी से ही आशा सुचिता सिंह द्वारा अपने क्षेत्र के लोगों को इससे सतर्क रहने और घर-घर जाकर बचाव से संबंधित जानकारी देना शुरू कर दिया था. उन्होंने लोगों को मॉस्क पहनने, समय-समय पर साबुन से हाथ धोने, बिना किसी जरूरी काम के बाहर न निकलने, बाहर से आने पर ठीक तरीके से सफाई करने, बाहर से पहनकर आए कपड़े को बदलकर घर में घुसने, जूता-चप्पल घर के बाहर रखने, सेनिटाइजर का इस्तेमाल करने आदि की जानकारी देती थी. इससे लोगों में सतर्कता बढ़ी जो कोरोना को हराने के लिए सार्थक साबित हुई.
कोरोना को लेकर क्षेत्र के लोग खुद हो गए हैं जागरूक :
आशा सुचिता सिंह ने बताया नियमित लोगों को कोरोना संबंधित जानकारी देने के कारण लोग खुद इसके प्रति सतर्क रहने लगे हैं. लोगों द्वारा सोशल डिस्टेनसिंग का पालन किया जाता है. बिना वजह कोई बाहर नहीं निकलते. राज्य के बाहर से आये हुए व्यक्ति की जानकारी लोगों द्वारा आशा सुचिता को दी जाती है। इससे लोगों की आसानी से ससमय जांच हो पा रही है. इतना ही नहीं बाहर से आने वाले व्यक्ति की जांच रिपोर्ट आने तक पूरा परिवार होम क्वारंटाइन में ही रहता है. इससे क्षेत्र में लोगों को कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा कम हो जाता है.
आशा द्वारा लोगों को उपलब्ध कराई गई है मॉस्क :
आशा कार्यकर्ता सुचिता सिंह ने कहा कि उन्होंने लोगों को संक्रमण से बचने के लिए मास्क की उपयोगिता संबंधी जानकारी दी है. मास्क के उपयोग से ही इसके संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है. इसलिए आशा सुचिता सिंह ने स्वयं ही क्षेत्र के लोगों के बीच मॉस्क बांटा है. लोगों को हर समय मास्क का उपयोग करने की सलाह दी है. सुचिता सिंह ने कहा लोग मॉस्क को ज्यादातर गले में लगाकर रख लेते हैं और किसी अधिकारी या पुलिस को देखते ही मास्क मुँह पर लगाते हैं. यह बिल्कुल गलत है. उनके द्वारा हर किसी को मॉस्क पूरी तरह से लगाने की सलाह दी जाती है. वह बताती हैं यह न सिर्फ उनके लिए बल्कि परिवार और आसपास के हर किसी के लिए बहुत जरूरी है.
भेदभाव से नहीं खत्म होगा कोरोना :
आशा सुचिता सिंह ने कहा उन्होंने लोगों को कोरोना संक्रमित व्यक्ति से भेदभाव न करने की भी बात बताई जाती है. ऐसे लोगों को सहानुभूति की जरूरत होती है. इसलिए अगर कोई व्यक्ति संक्रमित पाया जाता है तो उनके साथ भेदभाव न कर के उनसे दूरी बना कर रहने की जरूरत होती है. कोरोना से ठीक हो चुके लोगों से किसी अन्य व्यक्ति को संक्रमण का खतरा नहीं रहता है. इसलिए ऐसे लोगों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए, इसकी भी जानकारी लोगों को दिया जाता है.
इन बातों का रखें विशेष ख्याल:
• सार्वजानिक स्थानों पर लोगों से 6 फीट की दूरी बनायें.
• घर में बने पुनः उपयोग किये जाने वाले मास्क का प्रयोग करें.
• अपनी आँख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.
• हाथों की नियमित रूप से साबुन एवं पानी से अच्छी तरफ साफ़ करें या आल्कोहल आधारित हैण्ड सैनिटाईजर का इस्तेमाल करें.
• तंबाकू, खैनी आदि का प्रयोग नहीं करें, ना ही सार्वजानिक स्थानों पर थूकें.
• अक्सर इस्तेमाल की जाने वाली सतहों की नियमित सफाई कर इसे कीटाणु रहित करें.
• अनावश्यक यात्रा न करें.
• यदि सामाजिक समारोह स्थगित नहीं किया जा सकता, तो मेहमानों की संख्या कम से कम रखें.
• कोविड-19 पर जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1075 पर संपर्क करें.