पूर्णियाँ : होम क्वारंटाइन में रहकर हीं हराया जा सकता है कोरोना
ज्यादा मरीजों को नहीं पड़ती अस्पताल की जरूरत
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– बिना अतिआवश्यक वजह के न निकले घर से बाहर
– मॉस्क व सेनिटाइजर का जरूर करें उपयोग
पूर्णियाँ : 21 जुलाई
कोरोना संक्रमण का प्रसार दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. इसे रोकने के लिए लोगों में संक्रमण के प्रति ज्यादा जागरूक रहने की जरूरत है. लोग होम क्वारंटाइन में रहकर ही खुद ही इस संक्रमण से बचाव कर सकते हैं. बिना आवश्यक कार्य के बाहर न निकलें और लोगों से नियमित दूरी बना कर रखने से ही इससे निजात पाया जा सकता है. वैसे लोग जिसमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं हैं उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. ऐसा देखा जा रहा है कि बिना कोरोना लक्षण वाले लोग भी अपना जांच कराने अस्पतालों में उपस्थित हो रहे हैं. इससे लोगों में संक्रमण का खतरा और भी बढ़ रहा है. ऐसे में लोगों को घर में ही रहकर आवश्यक सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि वे अपने और अपने परिवार के लोगों को संक्रमित होने से बचा सकें.
बिना लक्षण वाले लोगों को नहीं है जांच की जरूरत :
एसीएमओ डॉ. एस.के. वर्मा ने बताया कोविड-19 की जांच के लिए आम लोगों द्वारा अस्पताल में बिना वजह भीड़ लगाई जा रही है. इस दौरान अस्पताल में सोशल डिस्टेनसिंग का भी पालन नहीं किया जा रहा है. इससे लोग ऐसे मरीज के संपर्क में आ सकते हैं जो कोरोना संक्रमित हैं. इसलिए लोगों को घर में ही रहकर सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए. कोरोना के बिना लक्षण वाले एवं हल्के लक्षण वाले मरीजों को चिकित्सकों के पर्यवेक्षण में होम क्वारंटाइन में रहकर आवश्यक सावधानियां बरतने की जरूरत होती है. उन्होंने बताया जिले में सैम्पलिंग व्यक्तियों में औसतन 5% ही संक्रमित पाए गए हैं जबकि जिले में कोविड-19 की रिकवरी रेट 76% देखा जा रहा है.
लोगों के संपर्क में आने से करें परहेज :
डॉ. वर्मा ने बताया सरकार द्वारा लगाए गए लॉक डाउन का कारण लोगों को खुले तौर पर नहीं निकलने और लोगों को एक-दूसरे के बीच संपर्क नहीं रखना है. इसलिए लोग बिना अतिआवश्यक कार्य के घरों से बाहर नहीं निकलें. बाजार या अस्पतालों में भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति आसपास होने से संक्रमित होने का खतरा रहता है. अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर व कर्मचारी भी प्रतिदिन बहुत से लोगों के संपर्क में आते हैं. ऐसे बहुत से अस्पताल के डॉक्टर व कर्मचारी संक्रमण के शिकार हुए हैं जबकि वे पूरी सुविधा और किट के उपस्थित रहते हैं. इसलिए आमलोगों से अपील है कि बिना वजह ऐसे जगहों से दूरी बनाकर ही रहें. जरूरी किसी कार्य से बाहर निकलने पर पूरी सुरक्षा को ध्यान में रखें तथा सार्वजनिक जगहों पर मॉस्क का प्रयोग करना बिल्कुल जरूरी है. साथ ही बाहर से आने पर जूता-चप्पल बाहर रखें और कपड़ों को बदल कर ही घर में प्रवेश करें.
होम क्वारंटाइन है बचाव का सबसे बेहतर उपाय :
चिकित्सकों द्वारा कोरोना से निपटने के लिए होम क्वारंटाइन सबसे बेहतर उपाय बताया गया है. डॉ. वर्मा ने बताते हैं कि ऐसा देखा गया है कि कोरोना के लक्षण पाए जाने वाले लोगों में भी केवल 3 प्रतिशत लोगों को ही ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है. केवल 2 प्रतिशत लोगों को ही आईसीयू (इंटेंसिव केयर यूनिट) और सिर्फ 1 प्रतिशत लोगों को वेंटिलेटर की जरूरत होती है. ऐसे लोग होम क्वारंटाइन में रहकर भी बिल्कुल ठीक हो सकते हैं. होम क्वारंटाइन के दौरान डॉक्टरों के पर्यवेक्षण में फोन पर जानकारी लेकर उसे अमल में लाना चाहिए. कोरोना संक्रमण के लिए चिकित्सकीय परामर्श हेतु 8010111213 पर मिस्ड कॉल देकर जानकारी ले सकते हैं. अन्य जानकारी के लिए 104 पर कॉल करके तथा निःशुल्क एम्बुलेंस के लिए 102 पर कॉल कर सुविधाओं का लाभ लिया जा सकता है.
होम क्वारंटाइन के दौरान ध्यान रखने योग्य जानकारी :
• होम क्वारंटाइन के लिए 14 दिनों तक हवादार कमरे में अन्य लोगों से अलग रहें.
• अपने उपयोग होने वाले कपड़े, खाने के बर्तन के साथ-साथ कमरे की सफाई स्वयं करें.
• थोड़े-थोड़े समय में हाथों को साबुन-पानी या सेनिटाइजर से साथ अवश्य करें.
• हमेशा मॉस्क का उपयोग करें.
यदि घर में कोई बुजुर्ग व्यक्ति, गर्भवती महिला, छोटे बच्चे, अन्य रोग जैसे हृदय, निमोनिया, दम्मा, मधुमेह, किडनी, उच्च रक्तचाप आदि से ग्रसित व्यक्ति हों तो उनसे पूरी तरह दूरी बनाकर रखें क्योंकि इनलोगों में संक्रमण जल्दी फैलता है.
• घर में नियमित रूप से गुनगुने पानी का सेवन करें.
• शारीरिक तौर पर योग/प्राणायाम आदि का प्रयोग करें.
• रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले सामग्रियों जैसे हर्बल चाय, काढ़ा, च्वनप्राश, गर्म दूध में हल्दी डालकर पीना आदि का प्रयोग करें.