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मुंगेर सरस्वती विद्या मंदिर में त्रिदिवसीय आचार्य कार्यशाला का उद्घाटन

Post By Gaurav kumar mishra

विद्या भारती के द्वारा संचालित विद्यालय के आचार्यों का उद्देश्य अपने छात्रों को ऐसा ज्ञान देना है जिससे वे शिक्षा ग्रहण करने के बाद समाज से जुड़कर समाज में सम्मान पूर्वक जीवन जी सकें । आज समाज में हर क्षण प्रत्येक क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा है जिसका छात्रों को सामना करना पड़ता है, इसके लिए उन्हें शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक एवं बौद्धिक रूप से तैयार करने के लिए आचार्यों का भी मूल्य संवर्धन आवश्यक है। उक्त बातें सस्वती विद्या मंदिर मुंगेर में आयोजित त्रिदिवसीय आचार्य कार्यशाला का उद्घाटन सत्र में विद्यालय प्रबंध कारिणी समिति के अध्यक्ष निर्मल कुमार जालान ने कहा। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ धन कमाना ही नहीं अपितु सर्वे भवंतु सुखिनः होना चाहिए ।मातृभाषा के प्रति सम्मान हो ऐसी भावना समाज एवं छात्रों में जागृत करना चाहिए। हमारे शब्दकोश भी अन्य भाषाओं से अधिक समृद्ध हैं।

विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान से सम्बद्ध भारती शिक्षा समिति द्वारा निर्देशित त्रिदिवसीय आचार्य कार्यशाला का आयोजन सरस्वती विद्या मंदिर, मुंगेर के प्रशाल में 31 मार्च 2019 से 2 अप्रैल 2019 तक किया गया है।

कार्यक्रम में आचार्यों को संबोधित करते हुए विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के सचिव अमरनाथ केशरी ने कहा कि इस कार्यशाला में हम अपने कार्यों की विवेचना करते हैं। उन्होंने कहा कि आचार्यों के अथक परिश्रम के कारण हीं संस्था दिन- प्रतिदिन नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर है ।

विगत सत्र के कार्यक्रमों एवं विभागों की उपलब्धियों की चर्चा विद्यालय के उप प्रधानाचार्य उज्जवल किशोर सिन्हा के द्वारा किया गया ।

द्वितीय सत्र में विद्यालय के प्रधानाचार्य नीरज कुमार कौशिक ने आचार्य भारती के गठन एवं विद्यालय के शैक्षिक पंचांग पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि हमारे आचार्य सेवा भाव से समाज, देश और मानवता के लिए वर्ष भर कार्य करते हैं।

तृतीय सत्र में विद्यालय के अनुशासन व्यवस्था पर नरेश कुमार पाहुजा, संगीता सहाय एवं अनंत कुमार सिन्हा के द्वारा विस्तृत चर्चा की गई। पुस्तकालय की व्यवस्थितता एवं उपयोग पर चित्रा मिश्रा एवं सुरीति राज ने अपनी बातों को सबों के बीच रखा।

सत्र के अंत में सभी आचार्यों द्वारा अपने -अपने विषय में शिक्षण अधिगम सामग्री का निर्माण एवं प्रदर्शन किया गया । शिक्षण अधिगम सामग्री पर चर्चा करते हुए विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति की सह सचिव सरोज कुमारी ने कहा कि श्यामपट्ट शिक्षक का मित्र होता है तथा शिक्षण अधिगम सामग्री की सहायता से शिक्षक बहुत ही प्रभावशाली, रोचक एवं सुगम तरीके से अपनी बातों को छात्रों को समझा सकते हैं ।

कार्यक्रम का संचालन आचार्य अरुण कुमार के द्वारा किया गया। कार्यक्रम प्रमुख आचार्य नवनीत चंद्र मोहन थे।

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