सहरसा : वीएचएसएनडी पर महिलाएं सीखीं नवजात देखभाल के गुर, नवजात देखभाल सप्ताह की शुरुआत
जन्म के शुरूआती दिनों में नवजात को बेहतर देखभाल की अधिक जरूरत
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– जेएसएसके के तहत शिशु को एक साल तक विशेष सुविधा
नवजात की समस्या को नहीं करें नजरंदाज
सहरसा/ 15 नवम्बर:
बेहतर नवजात स्वास्थ्य स्वस्थ समाज की आधारशिला तैयार करती है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग जिला से लेकर समुदाय स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से नवजात स्वास्थ्य पर अलख जगा रही है. इसी क्रम में शुक्रवार से नवजात देखभाल सप्ताह की शुरूआत की गयी, जो आगामी 21 नवम्बर तक चलेगा. अभियान के दौरान अधिक से अधिक लोगों को नवजात के लिए जरुरी देखभाल पर जागरूकता बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
वीएचएसएनडी होगा कारगर साबित: राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी बाल स्वास्थ्य डॉ.वीपी राय ने बताया नवजातों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग निरंतर प्रयासरत है. इस दिशा में नवजात देखभाल सप्ताह का आयोजन एक प्रभावी पहल है. अभी भी समुदाय स्तर पर लोगों में नवजात देखभाल के विषय में समुचित जानकारी का आभाव है. इसे ध्यान में रखते हुए इस सप्ताह के दौरान ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस(वीएचएसएनडी) के मौके पर महिलाओं को नवजात देखभाल पर जागरूक करने पर बल दिया जा रहा है. इसके लिए सभी क्षेत्रीय कार्यकर्ता( आशा, आंगनबाड़ी एवं एएनएम) को वीएचएसएनडी के दौरान आवश्यक नवजात देखभाल पर जागरूक करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं. अभियान का उद्देश्य है राज्य के सभी नवजात को सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाएँ एवं सेवाओं का लाभ मिल सके, ताकि नवजात मृत्यु दर में कमी लायी जा सके. जिला स्वास्थ समिति के जिला प्रोगाम पदाधिकारी राहुल किशोर ने बताया कि
महिलाओं को किया गया जागरूक : शुक्रवार को जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर वीएचएसएनडी का आयोजन किया गया जिसमें आशा, एएनएम एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से महिलाओं को नवजात देखभाल के बारे में जानकारी दी गयी.
• मातृ मृत्यु के साथ नवजात मृत्यु दर में कमी लाने के लिए संस्थागत प्रसव को जरुरी बताया गया
• जन्म के 1 घंटे के भीतर शिशु को स्तनपान कराने एवं 6 माह तक केवल स्तनपान कराने पर ज़ोर दिया गया. इसे बच्चे के सम्पूर्ण मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए जरुरी बताया गया. साथ ही निमोनिया एवं डायरिया जैसे गंभीर रोगों से बचने के लिए स्तनपान को जरुरी बताया गया
• शिशु जन्म के तुरंत बाद बच्चे को नहीं नहाने की सलाह दी गयी. शिशु जन्म के लगभग 2 दिनों के बाद नहाने से बच्चे को स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं नहीं होती है
• बच्चा यदि सुस्त हो, ठीक से साँस नहीं ले रहा हो, स्तनपान नहीं कर पा रहा हो या शारीर अधिक गर्म या ठंडा हो तो तब उसे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ले जाने की बात बताई गयी.
जेएसएसके के तहत शिशु को विशेष सुविधा: सरकार द्वारा माँ एवं बच्चे को बेहतर देखभाल प्रदान कराने के लिए जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है. इस कार्यक्रम के तहत शिशु को विशेष सुविधा प्रदान की गयी है. 1 साल तक बीमार बच्चों को घर से अस्पताल तक निःशुल्क एम्बुलेंस की सुविधा प्रदान की गयी है. साथ ही शिशु के लिए निःशुल्क ईलाज के साथ निःशुल्क दवाई भी देने का प्रावधान किया गया है. इस कार्यक्रम के तहत अस्पताल में प्रसव के बाद माँ को अस्पताल में 48 घंटे तक की निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा एवं भोजन भी प्रदान कराया जाता है.