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जिले भर में 181 बेडों का कोरेटाइन सेंटर व आइसोलेशन वार्ड किया गया है तैयार

शहर के जीएनएम स्कूल को बनाया जा रहा क्रोंटीन वार्ड, 50 बेडों की फिलहाल होगी व्यवस्था

ओपीडी सेवा रहेगी बंद, आपात स्थिति में 104 नंबर पर करें कॉल

मुंगेर। निज प्रतिनिधि
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने को लेकर जिले में अब तक 181 बेडों का आइसोलेशन वार्ड तैयार कर लिया गया है। जहां संदग्धि मरीजों को रख कर उसका इलाज किया जा सकेगा। वहीं सभी अस्पतालों में ओपीडी सेवा को फिलहाल बंद कर दिया गया है। ताकि छोट-मोटी बीमारी में लोग अनावश्यक रूप से अस्पतालों में भीड़ न लगाये। आपात स्थिति के लिए जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा 104 नंबर जारी किया गया है, जिस पर कॉल कर लोग आपात स्थिति में बीमार लोगों का इलाज करवा सकेंगे। जिला प्रशासन ने आम जनों से अपील किया है कि बिना वजह अपने घरों से बाहर निकलना जोखिम भरा हो सकता है। इसलिए जितना अधिक हो सके लोग अपने घरों में ही अपने परिवार के बीच रहें।

विभन्नि संस्थानों में बनाये गये कोरेटाइन सेंटर व आइसोलेशन वार्ड
संस्थान बेडों की संख्या
सदर अस्पताल 56
हवेली खड़गपुर 54
तारापुर 27
संग्रामपुर 25
धरहरा 06
जमालपुर 04
बरियारपुर 05
असरगंज 04

लाकडाउन का सभी लोग पालन करें: सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉक्टर पुरुषोत्तम कुमार ने कहा कि बाहर से आए हुए लोगों पर नजर रखी जा रही है। सभी के घरों पर जाकर स्क्रीनिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना के संक्रमण से बचाव में सामाजिक दूरियां कारगर साबित होगी। इसलिए एक दूसरे के संपर्क में आने से बचें। लाकडाउन का पालन करें। कोराना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने के दौरान वायरस हवा में फैल जाते हैं। यदि संक्रमित व्यक्ति के नजदीक कोई व्यक्ति जाता है तो वह भी इस वायरस से संक्रमित हो सकता है। केंद्र सरकार ने इसे लेकर सोशल डिसटेंसिंग एडवाइजरी जारी किया है जिसके अनुसार ऐसी जगहों पर जहां अधिक लोग एक दूसरे के संपर्क में आ सकते हैं, वहां लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

जीएनएम स्कूल को बनाया जा रहा क्रोंटीन वार्ड, 50 बेडों की फिलहाल होगी व्यवस्था

मुंगेर जिले में एक व्यक्ति की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत हो जाने के बाद से स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारी व्यापक पैमाने पर बढ़ा दी है। जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा जहां क्रोंटीन वार्ड की व्यवस्था की जा रही है। वहीं सैफ के सम्पर्क में आये लोगों की सूची तैयार की जा रही है। जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा फिलहाल जीएनएम स्कूल के भवन में 50 बेडों का क्रोंटीन वार्ड तैयार किया जा रहा है। जिसमें सैफ के संपर्क में आये लोगों को क्रोंटीन पर रखा जायेगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग सैफ के सम्पर्क में आये लोगों की सूची तैयार कर रही है। बताया गया कि फिलहाल 50 बेडों का ही क्रोंटीन वार्ड तैयार किया जा रहा है, यदि आवश्यकता पड़ी तो क्रोंटीन के लिए भी बेडों की संख्या बढ़ाई जायेगी। क्रोंटीन के दौरान ही संबंधित लोगों का सैम्पल इकट्ठा करके उसे जांच के लिए पटना के लैब में भेजा जायेगा। वहीं सैफ के परिजनों को फिलहाल उसके घर पर ही आइसोलेट किया जा रहा है। संक्रमण का लक्षण दिखने पर परिजनों के सैम्पल को भी जांच के लिए पटना भेजा जायेगा।

आइसोलेशन वार्ड क्या है
वायरस से संक्रमित इन मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता है। यानी इनके वार्ड में कोई भी बगैर N-95 रेस्पिरेटर मास्क लगाए बिना प्रवेश नहीं कर सकता। N-95 एक खास तरह का मास्क है जो हवा में पाए जाने वाले 95 प्रतिशत बैक्टीरिया और वायरस को फिल्टर कर देता है। आइसोलेशन रूम को निगेटिव प्रेशर रूम माना जाता है, जहां मरीजों को संभालने के लिए किसी भी किस्म की अफरातफरी न हो और पर्याप्त स्टाफ हो. इस कमरे के दरवाजे हरदम बंद रहते हैं. एकदम खास तरह के इन कमरों को इस तरह से तैयार किया जाता है कि यहां की हवा बाहर नहीं जा सकती है। यहां तक कि आसपास के कमरों या कॉरिडोर में भी इस कमरे की हवा नहीं फैल सकती है। मरीजों की देखरेख करने वाला अस्पताल स्टाफ मास्क, गाउन, और आंखों पर खास किस्म का चश्मा पहनता है ताकि संक्रमण से बचा जा सके।

कब रखा जाता है मरीज को आइसोलेशन वार्ड में

कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रहे हर मरीज को इस रूम में नहीं रखा जाता, बल्कि ये देखा जाता है कि मरीज के लक्षण कितने गंभीर हैं और वो सोशली कितना एक्टिव है. अगर मरीज लगातार खांस या छींक रहा है और तेज बुखार है तो उसे आइसोलेशन में तुरंत रखा जाता है. जब तक ये लक्षण सामने नहीं आते हैं, उसे पैरासीटामोल देकर घर पर ही सेल्फ क्वेरेंटाइन में रहने को कहा जाता है। इस दौरान मरीज घर पर रहता है लेकिन सबसे अलग-थलग रहता है। यहां तक कि उसका टॉयलेट, तौलिया, खाने के बर्तन, कंघी और दूसरी टॉयलेटरीज भी अलग कर दी जाती हैं।

5 सावधानियां रखेगी कोरोना वायरस से आपको सुरक्षित

• हाथ साफ़ रखें
• चेहरे पर मास्क का ठीक तरह से इस्तेमाल करें
• नियमित रूप से बुखार की जाँच करें
• भीड़ में जाने से बचें
• गंदे हाथों से चेहरा न छुएं

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