2 दिसम्बर से सघन मिशन इंद्रधनुष-2.0 की शुरुआत
सम्पूर्ण टीकाकरण से स्वास्थ्य बचपन की शुरुआत, विश्व टीकाकरण दिवस पर फैलाई जाएगी जागरूकता
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– प्रत्येक साल विश्व भर में लगभग 2 करोड़ बच्चे टीकाकरण से रहते हैं वंचित
– आरोग्य दिवस पर नियमित टीकाकरण उपलब्ध
पूर्णियाँ/ 11 नवम्बर :
नियमित टीकाकरण बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से बचाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व भर में गंभीर संक्रामक रोगों से लगभग 20 लाख से 30 लाख शिशुओं की मौत हो जाती है, जिसे सम्पूर्ण टीकाकरण के माध्यम से आसानी से रोका जा सकता है. इसे ही ध्यान में रखते हुए प्रत्येक वर्ष 10 नवम्बर को विश्व टीकाकारण दिवस मनाया जाता है.
टीका से रोग-प्रतिरोधक क्षमता का विकास:
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रत्येक साल विश्व भर में 1.85 करोड़ बच्चे टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं. इन वंचित बच्चों में प्रतिरक्षित बच्चों की तुलना में रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम जाती है. इसलिए बच्चों में सही समय से टीकाकरण जरुरी है. टीकाकरण एक प्रकिया है जिसमें टीका के जरिए बच्चों को संक्रामक रोगों के विरुद्ध सुरक्षित किया जाता है. इससे बच्चे में रोग प्रतोरोधक क्षमता का विकास होता है. टीकाकरण के कारण बच्चे में रोगों के संक्रमण में भी बचाव होता है. साथ ही समय से बच्चों को प्रतिरक्षित करने से बच्चों में होने वाली सामान्य रोगों में भी कमी आती है.
आरोग्य दिवस पर सप्ताह में दो दिन टीकाकरण:
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ सुभाष चंद्र पासवानने बताया जिले में सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर सप्ताह में दो दिन बुधवार एवं शुक्रवार को आरोग्य दिवस यानि ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस मनाया जाता है. इस दौरान 5 साल तक के बच्चों को नियमित टीकाकरण सारणी के अनुसार टीका लगाया जाता है. आशा, आंगनवाड़ी एवं एएनएम के सहयोग से आरोग्य दिवस के सफ़ल संचालन में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. जिले के सभी आशा एवं एएनएम को टीकाकरण के महता पर नियमित उन्मुखीकरण भी किया जाता है. गृह आधारित नवजात देखभाल कार्यक्रम के तहत आशाएं नियमित गृह भ्रमण करती हैं. वह नवजातों की देखभाल के साथ उनके परिजनों को टीकाकरण के विषय में भी जागरूक करती हैं.
जिले में यह है स्थिति:
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार जिले में65.8%प्रतिशत बच्चों का ही सम्पूर्ण टीकाकरण हो पता है. जिले में 2 साल तक के 96.8% प्रतिशत बच्चों का सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण हुआ है. जबकि केवल 2.4%प्रतिशत बच्चों ने प्राइवेट अस्पतालों में टीका लगवाया है.
2 दिसम्बर से मिशन इन्द्रधनुष-2.0 की शुरुआत: अब नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों एवं गर्भवती माताओं को भी प्रतिरक्षित किया जा सकेगा। इसके लिए राज्य के दो जिलों( बांका एवं बक्सर) को छोड़कर अन्य सभी जिलों में सघन मिशन इंद्र्धनुष-2.0 की शुरुआत होगी। सघन मिशन इंद्र्धनुष के तहत चार चरणों में नियमित प्रतिरक्षण में छूटे हुये बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। प्रथम चरण 2 दिसंबर, दूसरा चरण 2 जनवरी 2020, तीसरा चरण 3 फरवरी 2020 एवं चौथा चरण 2 मार्च 2020 से प्रारम्भ होगा।
सही समय पर टीकाकरण बचाएगा बच्चे की जान: शिशु मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से अनेक ऐसी बीमारियाँ हैं जिनको नियमित टीकाकरण के माध्यम से रोका जा सकता है. लेकिन इन सभी टीकों का सही समय पर दिया जाना भी महत्वपूर्ण है ताकि बच्चों को बीमारियों से बचाया जा सके. टीकाकरण बच्चों को बहुत सारे रोगों से बचाता है. बच्चों में होने वाले पोलियो, टीबी, खसरा एवं रूबेला , निमोनिया, डायरिया, हैपेटायटीस-बी, गलाघोंटू, काली खांसी, दिमागी बुखार एवं टीटनेस जैसे कई गंभीर रोगों से टीकाकरण बचाव करता है एवं शिशु मृत्यु दर में काफ़ी कमी लाता है.