“आपकी सेहत, आपकी थाली” थीम पर रंगोली बना पोषण पर जगाई अलख
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– पोषण पखवाड़ा के तहत मनेर प्रखंड परियोजना में हुआ विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन
– आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की रैली के साथ पोषण जागरूकता रथ को किया गया रवाना
पटना/मनेर- 27 मार्च: होली के पकवानों की तैयारी के बीच पोषण की खुश्बू भी देखने को मिल रही हैं. शनिवार को जिले के मनेर प्रखंड स्थित बाल विकास परियोजना के द्वारा पोषण पर लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें पोषण पखवाड़ा के तहत एक तरफ़ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली. वहीं पोषण पर अलख जगाने के लिए जागरूकता रथ भी रवाना किया। साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा “आपकी सेहत, आपकी थाली” थीम पर बनाई गयी रंगोली भी आकर्षण के केंद्र रहे. रंगोली के माध्यम से लोगों को बेहतर पोषण की जरुरत पर संदेश दिया गया.
पोषण रथ के माध्यम से पोषण पर दी जाएगी जानकारी :
मनेर बाल विकास परियोजना की सीडीपीओ सुषमा कुमारी ने पंचायतों में लोगों को पोषण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से पोषण जागरुकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जागरुकता उन्होंने बताया कि रथ पर बैनर व पोस्टर्स लगाए गए हैं। साथ ही, माइकिंग की व्यवस्था की गई है, ताकि अधिक से अधिक लोगों को पोषण से संबंधित जानकारी दी जा सके। उन्होंने बताया कि माइकिंग के माध्यम से यह बताया जाएगा कि शिशु के जन्म के एक घंटे के भीतर मां के गाढे-पीले दूध से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है. वहीं अगले छह माह तक शिशु को स्तनपान कराने से उनका शिशु डायरिया एवं निमोनिया जैसे रोगों से सुरक्षित रहता है. उन्होंने बताया कि बौनापन एवं दुबलापन से बच्चों को बचाने के लिए 6 माह के बाद अनुपूरक आहार की उपयोगिता बढ़ जाती है. इसलिए जागरूकता रथ के माध्यम से लोगों को अनुपूरक आहार के विषय में भी जानकारी दी जाएगी.
शुरूआती 1000 दिन होते हैं महत्वपूर्ण:
महिला पर्यवेक्षिका अपर्णा राय ने बताया कि महिला व युवतियों में होने वाले एनीमिया के साथ-साथ बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिये उचित पोषक आहार का सेवन जरूरी है। उन्होंने कहा अगर महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान सही पोषण मिले तो उन्हें कई तरह की बीमारियों से बचाया जा सकता है।
वहीं महिला पर्यवेक्षिका रंजना सिंह ने बताया कि गर्भावस्था से लेकर शिशु के 2 साल की आयु तक यानी शुरूआती 1000 दिन माँ एवं बच्चे के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है. इस दौरान उनके स्वास्थ्य एवं पोषण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. उन्होंने बताया कि एनीमिया की समस्या को कम करने के लिहाज से उचित पोषण का विशेष महत्व है। पोषण पखवाड़ा के अलावा आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से समय-समय पर आयोजित होने वाले विभिन्न गतिविधियों में माध्यम से पोषण के प्रति लोगों को जागरूक करने का अभियान संचालित किया जाता है।इसमें हरी साग सब्जी, पालक, बथुआ, मेथी, गाजर, चना, सोयाबीन सहित अन्य प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन की सलाह दी जाती है.
सभी कार्यकर्ताओं ने निभाई अपनी सहभागिता:
इस दौरान समेकित बाल वकास विभाग मनेर की सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बढ़ चढ़कर अपनी सहभागिता निभाई.