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पूर्णियाँ : माहवारी स्वच्छता दिवस विशेष: माहवारी स्वच्छता को लेकर समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करने की है जरूरत: डॉ. अनुराधा

• फोगसी एवं आईएमए मना रहा 24 मई से 31 मई तक माहवारी स्वच्छता सप्ताह
• माहवारी स्वच्छता के प्रति समुदाय को जागरूक करने की जरूरत

पूर्णिया,28 मई:

प्रत्येक साल 28 मई को माहवारी स्वच्छता पर महिलाओं एवं किशोरियों को जागरूक करने के उद्देश्य से माहवारी स्वच्छता दिवस का आयोजन होता है. कोरोना ने भले ही स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित किया हो, लेकिन माहवारी स्वच्छता के प्रति समुदाय में अलख जगाने का कार्य इस वर्ष भी जारी है. फेडरेशन ऑफ़ ऑब्सटेट्रिक एंड गायनोकोलॉजी सोसायटी( फ़ोगसी) एवं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(आईएमए) के संयुक्त प्रयास से जिले में 24 मई से 31 मई तक माहवारी जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है. आईएमए से संबंधित निजी क्लिनिकों में आने वाले किशोरियों एवं महिलाओं को कोरोना प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए किशोरियों एवं महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है.

जागरूकता बढ़ाने का किया जा रहा प्रयास :
मासिक धर्म को लेकर समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करने को लेकर घर, समाज के साथ अन्य लोगों में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है क्योंकि यह एक आधी आबादी के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यद्यपि समय के साथ लोगों में माहवारी स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी है. लेकिन अभी भी ग्रामीण परिवेश में माहवारी स्वच्छता के प्रति पर्याप्त जागरूकता का आभाव है. राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सरकार माहवारी स्वच्छता को लेकर किशोरियों को सेनेटरी पैड प्रदान कराने के साथ उन्हें जागरूक करने का भी प्रयास कर रही है.

माहवारी स्वच्छता पर फैली भ्रांतियों को कम करने की जरूरत:

फेडरेशन ऑफ़ ऑब्सटेट्रिक एंड गायनोकोलॉजी सोसायटी (FOGSI) पूर्णिया ज़िला सचिव सह महिला रोग विशेषज्ञ डॉ अनुराधा सिन्हा ने बताया महिलाओं को किशोरावस्था में प्राकृतिक बदलाव शुरू हो जाते है, इसके प्रति किशोरियों को पहले से ही जागरूक करने की जरूरत है. लड़कियों को माहवारी के उन खास दिनों में समाज में फैले मिथक पर ध्यान नही चाहिए बल्कि उसे आत्मविश्वास के साथ बेबाकी से माहवारी संबंधी समस्याओं को दूर करना चाहिए. माहवारी महिलाओं में होने वाली एक नैसर्गिक प्रक्रिया है. माहवारी स्वच्छता के लिए अस्पताल में सेनेटरी पैड निःशुल्क वितरण किया जाता हैं या फिर संस्थाओं के द्वारा जरुरतमंदो को मुफ्त सेनेटरी पैड उपलब्ध कराया जाता हैं, महिलाओं के स्वास्थ्य और सशक्तता ही स्वस्थ बिटिया सशक्त बिटिया अभियान की कोशिश है.

ऐसे हुयी माहवारी स्वच्छता दिवस की शुरुआत:
मालूम हो कि सबसे पहले वर्ष 2014 में जर्मनी के ‘वॉश यूनाइटेड’ नामक एक स्वयं सेवी संस्था के द्वारा मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाने की शुरूआत की गई थी. इस दिवस को मनाने के लिए 28 तारीख को चुना गया क्योंकि आमतौर पर महिलाओं के मासिक धर्म 28 दिनों के अंदर आते हैं. इस दिवस का मुख्य उद्देश्य समाज में फैली मासिक धर्म संबंधी गलत अवधारणाओं को दूर करना और महिलाओं व किशोरियों को माहवारी प्रबंधन संबंधी सही समय पर उचित जानकारी देना है.

मासिक धर्म एक दौरान तीन तरह साधन प्रयोग किए जाते है
• पुनः प्रयोग किए जाने वाले साधन जैसे कि कपड़ा, मासिक धर्म कप
• एक बार प्रयोग में लाये जाने वाले पैड, टैंपोन्स- इन साधनों में केमिकल, सुपर शोषक पॉलीमर (एसएपी) होता है।
• एक बार प्रयोग में लाये जाने वाले पैड।
भारत में अपशिष्ट से निपटने के लिए कोई आदर्श तरीका नही है, लेकिन कुछ उपायों से हम अपशिष्ट के भार को कम कर सकते है
• अपशिष्ट को कम करना: इसके लिए मासिक धर्म के दौरान ऐसे उत्पादों को अपनाना होगा जो पुनः प्रयोग में लाये जा सकते है।
• अपशिष्ट को निष्फल करना: प्रयोग किए जा रहे पैड को रासायनिक उपचार एवं अन्य तकनीक से इसके हानिकारक कारकों को निष्फल कर सकते है।
• अपशिष्ट की भौतिक प्रकृति को बदलना: अपशिष्ट को जलाकर, गहरे गद्दे में गाढ़ कर खाद रूप में बनाकर कचरे की संरचना को बदल सकते है.

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