वित्त रहित शिक्षकों ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को सौंपा ज्ञापन
40 वर्षों से शिक्षा का अलख जगा रहे वित्तरहित कर्मियों ने लगाई गुहार
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Munger || विगत लंबे अरसे से सेवा-नियमितीकरण तथा वेतनमान की आस लगाए वित्तरहित शिक्षकों ने शनिवार को जनता-दल-यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुंगेर सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को एक मांग पत्र सौंप कर वित्तरहित शिक्षा नीति को समाप्त करने की गुहार लगाई।
वित्तरहित माध्यमिक शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के मुंगेर जिला सचिव उदय चंद्र के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुंगेर के विशेष दौरे पर आए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह तथा पूर्व मंत्री शैलेश कुमार से मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल संघ के प्रांतीय प्रतिनिधि डॉ अमोद कुमार सिंह, अनिल सिंह गुणानंद सिंह ने जदयू सुप्रीमो ललन सिंह को मांग पत्र सोते हुए कहा कि बिहार के 715 वित्त रहित माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति दयनीय है।
सेवा नियमितीकरण तथा वेतनमान को लेकर सरकार के समक्ष अपनी मांग रखने वाले वित्तरहित कर्मियों की लग्नशीलता और सेवा परायणता को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2008 में राज्य सरकार द्वारा मैट्रिक परीक्षा में उत्तीर्णता के आधार पर प्रत्येक छात्र एवं छात्रा के अनुसार अनुदान की राशि वित्तरहित कर्मियों को दिए जाने का प्रावधान आरंभ किया।
परंतु सरकार द्वारा वित्तरहित कर्मियों की मांगों के आधार पर ना तो वेतनमान आरंभ किया जा रहा है और ना ही पिछले कई वर्षों से लंबित अनुदान की राशि मुहैया कराई जा रही है, जो राज्य सरकार की उदासीनता का परिचायक है।
उन्होंने आगे कहा कि कोविड-19 की त्रासदी के बीच लगभग 40 वर्षों से शिक्षा का अलख जगा रहे वित्तरहित कर्मियों की हालत बद से बदतर हो गई है।
यदि सरकार द्वारा अभी कोई ठोस पहल नहीं किया जाता है तो आने वाले समय में वितरित कर्मियों का भी विश्वास सरकार पर से उठ जाएगा और अपने परिवार के साथ आत्मदाह करने के अलावा उनके पास कोई और विकल्प नहीं बचेगा।
आर्थिक तंगी झेल रहे वित्तरहित शिक्षकों एवं कर्मियों की दशा में सुधार लाने की दिशा में पहल करते हुए सरकार से वित्तरहित कर्मियों के पक्ष में ठोस पहल करने की अपील की।