सिवान में तैनात सिपाही स्नेहा की संदिग्ध मौत की उठी सीबीआई जांच की मांग, सीवान पुलिस की भूमिका संदिग्ध – सिपाही स्नेहा मौत कांड में आया नया मोड़ परिजनों ने कहा स्नेहा का शव नही, किसी दुसरी वृद्ध महिला का शव है
Post By Gaurav mishra_ 7667586963
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डीएनए टेस्ट के लिए चिकित्सकों ने स्नेहा का लिया सिर का बाल कथा कंठ के नीचे का मसल्स
03 दिनों तक सिवान पुलिस से नेहा के पिता को करती रही गुमराह
मुंगेर से रंजीत कुमार विद्यार्थी की विशेष रिपोर्ट
सीवान में तैनात महिला कांस्टेबल स्नेहा की संदिग्ध मौत की गुत्थी सुलझने की बजाय बिगड़ती ही जा रही है। मंगलवार की सुबह स्नेहा मौत प्रकरण में उस समय नया मोड़ आ गया जब शव पहुंचने पर स्नेहा के माता-पिता सहित परिजन के अलावे आसपास के ग्रामीणों ने शव लेने से साफ इंकार करते हुए कहा कि यह शव स्नेहा का नहीं ,बल्कि किसी दूसरी वृद्ध महिला का शव सीवान पुलिस के द्वारा सौंपा जा रहा है जो कि किसी बड़ी साजिश की ओर इंगित करता है।
सिपाही स्नेहा का शव सोमवार की रात्रि 11:30 बजे नौवागढी लेकर सीवान पुलिस पटना से पहुंची। सीलबंद लकड़ी के बक्से में बंद स्नेहा के शव को सीवान पुलिस रात्रि में ही परिजन पर शव का दाह संस्कार करने का दबाव बनाया। लेकिन परिजन नहीं माने और कहा कि सुबह में शव का दाह संस्कार किया जाएगा। रात्रि में किसी परिजन ने सीलबंद लकड़ी के बक्से को खोलकर नहीं देखा। सभी सुबह का इंतजार करने लगे।
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मीडिया कर्मी के पहुंचने पर परिजनों ने सीलबंद लकड़ी के बक्से को जब खोला तो सभी रह गए भौचक
अहले सुबह मीडिया कर्मी शव पहुंचने की सूचना पर स्नेहा के नौवागढी स्थित काली मंदिर के समीप निवास स्थान पर जव पहुंची तो परिजनों का रो रो कर बुरा हाल था। मीडिया के सामने स्नेहा के परिजनों ने सीलबंद लकड़ी के बक्से को जब खोला तो परिजन के साथ-साथ आसपास के सभी लोग शव को देखकर भौचक रह गए। बक्से में स्नेहा के बदले किसी वृद्ध महिला का शव देखकर परिजन तथा नौवागढी क्षेत्र के लोग आक्रोशित हो उठे और और सीवान पुलिस के विरुद्ध एनएच 80 सड़क को जाम कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। स्नेहा के पिता विवेकानंद मंडल, माता सविता देवी, तथा भाई छोटू कुमार ने स्पष्ट रूप से सीवान पुलिस पर आरोप लगाया कि स्नेहा का रेप के उपरांत पुलिस अधिकारियों ने सोची-समझी साजिश के तहत हत्या कर दी और अपनी करतूत को छुपाने के लिए शव को बदल दिया गया।
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स्नेहा की मौत की हो सीबीआई जांच, दोषी पुलिस अफसरों को मिले फांसी की सजा
सीवान पुलिस के द्वारा स्नेहा का शव के बदले किसी वृद्ध महिला का शव परिजनो को सौपे जाने पर पिता विवेकानंद मंडल, माता सविता देवी तथा भाई छोटू मंडल सहित आसपास के ग्रामीणों ने एक स्वर से स्नेहा की संदिग्ध मौत की सीबीआई जांच की मांग की। तथा कहा कि शुरू से अंत तक इस मामले में सीवान पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। ऐसी स्थिति में कांड की सीबीआई जांच होना अति आवश्यक है ।सीबीआई जांच से ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। परिजनों ने कहा कि स्नेहा के साथ कुकर्म की धटना को सीवान पुलिस के अधिकारी अपनी करतूत को छुपा रहे हैं। इसलिए दोषी पुलिस अफसरों को फांसी की सजा मिलना चाहिए।
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डीएनए टेस्ट के लिए चिकित्सको ने शव का लिया सैंपल
परिजन सीवान पुलिस द्वारा सौंपी गई शव लेने से जब साफ इंकार कर दिया तो और सीबीआई जांच तथा शव का डीएनए टेस्ट की मांग रखी को सदर एसडीओ खगेशचंद्र झा ने परिजन से लिखित रूप से आवेदन लिया की यह शव स्नेहा का नहीं है, किसी दूसरे ब वृद्ध महिला का है। इसके बाद एसडीओ खगेशचंद्र झा ने पूरी घटना से डीएम राजेश मीणा को अवगत कराया। राजेश मीणा के निर्देश पर सदर अस्पताल से चिकित्सकों को बुलाया। चिकित्सकों ने सीवान पुलिस द्वारा सौंपी गई वृद्ध महिला के शब का डीएनए टेस्ट के लिए कंठ के नीचे का मसल्स तथा सिर का बाल का सैंपल लिया।
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शव का दाह संस्कार कर स्नेहा के परिजनों ने सिर्फ मानवता का फर्ज निभाया
सीवान पुलिस द्वारा सौंपी गई शव का दाह संस्कार नौवागढी के मनियारचक गंगा घाट पर किया गया । दाह संस्कार में स्नेहा के परिजन के अलावे सिर्फ मुंगेर पुलिस के भारी संख्या में पुलिस जवान ने भाग लिया। पुलिस की निगरानी में मनियारचक गंगा तट पर शव का दाह संस्कार किया गया। स्नेहा के पिता विवेकानंद मंडल ने बताया कि वह सिर्फ मानवता का फर्ज निभा रहे हैं। शव उसकी बेटी का नहीं है ।फिर भी वह मानवता के नाते शव का दाह संस्कार कर रहे हैं।
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पुलिस छावनी में तब्दील रहा नौवागढी इलाका
सड़क जाम तथा प्रदर्शन को देखते हुए नौवागढी इलाका पुलिस छावनी में तब्दील रहा एसपी डॉ गौरव मंगला स्वयं माजिद मोङ से लेकर भगतचौकी तक गस्त करते दिखे। देर रात्रि तक नौवागढ़ी इलाके में ब्रज वाहन के साथ-साथ बड़ी संख्या में पुलिस बलों को गस्त करते देखा गया। इलाका का पूरी तरह से पुलिस छावनी में तब्दील रहा।
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सीवान कोर्ट से पहले स्नेहा की तैनाती एसपी कार्यालय में क्लर्क के रूप में थी
स्नेहा के पिता विवेकानंद मंडप, भाई छोटू मंडल, मां सविता देवी की माने तो सीवान कोट परिसर से पहले स्नेहा की तैनाती आरक्षी अधीक्षक कार्यालय में थी। जहां व बेहतर ढंग से कार्य कर रही थी ।लेकिन वहां से स्नेहा का तबादला कोर्ट परिसर में सिपाही के रूप में कर दिया गया । कोर्ट परिसर से तबादले के लिए स्नेहा वरीय अधिकारियों से बराबर गुहार लगा रही थी।