जमुई

बिहार में एनडीए के अंदर लोजपा और जदयू नेताओं के बीच जारी है जुबानी जंग,अंतर्कलह खुलकर सामने आ गयी है

Post Gaurav mishra

बिहार में एनडीए के अंदर लोजपा और जदयू नेताओं के बीच जारी है जुबानी जंग,अंतर्कलह खुलकर सामने आ गयी है।

जमुई (प्रशान्त किशोर) :– प्रथम चरण में चुनाव संपन्न होने के बाद जमुई लोकसभा क्षेत्र के सांसद चिराग पासवान अपने संसदीय क्षेत्र जमुई जिले में कई कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पधारे इस दौरान लोजपा सांसद चिराग पासवान ने प्रेस को संबोधित करते हुए एक बार फिर अपने राजनीतिक विरोधियों पर तंज कसते हुए निशाना साधा।सांसद चिराग ने कहा कि हमारे राजनीतिक विरोधी यह कहते फिरते थे की चुनाव हो जाने के बाद सांसद चिराग अपने क्षेत्र में नजर नहीं आएंगे जबकि मैं पहले भी कह चुका हूं कि मैं अपने पिता लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान की तरह जिस तरह हाजीपुर में 50 साल की राजनीति किए हैं उसी तरह मैं भी जमुई लोकसभा संसदीय क्षेत्र में युवा अवस्था में राजनीति प्रारंभ किया हूं और यहीं से राजनीति करते हुए बूढ़ा होना चाहता हूं। सांसद चिराग ने कहा कि जमुई सीट से अपनी जीत को लेकर मैं 100% आश्वस्त हूं जमुई की जनता का प्यार और स्नेह से भारी जीत मिली थी पिछले बार की वोटों से ज्यादा अंतर से इसबार जीत हासिल करने जा रहा हूं। एनडीए गठबंधन के नेताओं के द्वारा चुनाव में भीतर घात किए जाने के सवाल पर सांसद चिराग ने फिर कहा कि भीतर घात मेरे साथ किए गए है जिन नेताओं ने मेरे खिलाफ चुनाव में भीतर घात करने का प्रयास किए हैं हालांकि जनता के ऊपर इसका प्रभाव नहीं हुआ है जो नेताओं ने मेरे साथ 2019 में भीतर घात करने का प्रयास किए अब उन्हें आगामी 2020 चुनाव में मैं भी ऐसे नेताओं को सबक सिखाने का काम करूंगा।

लोजपा सुप्रीमो रामबिलास पासवान तथा सांसद चिराग पासवान के द्वारा जमुई संसदीय क्षेत्र में एनडीए के स्थानीय नेताओं के द्वारा भीतरघात किए जाने की बात कई जिलों में मीडिया को साझा करते हुए उन्हें आगामी 2020 के विधानसभा चुनाव में सबक सिखाने की बात पर पलटवार करते हुए सूबे बिहार के कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह के छोटे बेटे जदयू के पूर्व विधायक सुमित कुमार उर्फ विक्की सिंह ने सांसद चिराग पासवान पर निशाना साधते हुए कहा कि 2020 का चुनाव हो या 25 30 या 40 का हम लोगों के परिवार की राजनीति के आज तीसरी पीढ़ी चल रही है जो जमुई जिले में राजनीति करते आ रहे हैं हमारे दादा स्वतंत्रता सेनानी रहे श्री कृष्ण बाबू पिता श्री नरेंद्र सिंह और तीसरी पीढ़ी में हम लोग राजनीति कर रहे हैं हम लोग की जन्म भूमि और कर्म भूमि जमुई जिला रही है जहां से हम लोग राजनीति करते आ रहे हैं और यहां बाहर से आकर राजनीति करने वालों की राजनीति का अखाड़ा जमुई जिले को नहीं बनने दिया जाएगा। यह परजीवी पक्षी की भांति जो यहां आकर राजनीति करना चाहते हैं उनकी राजनीतिक मंशा पद तक ही सीमित है जबकि हम लोगों का पूरा परिवार जीत या हार के बावजूद भी लोगों के सुख-दुख एवं जिले के विकास के लिए प्रयासरत हैं इसलिए ऐसे नेताओं की धमकी का कोई भी असर हम लोगों के ऊपर नहीं पड़ने वाला है जिसे जनता स्पष्ट रूप से देख और समझ रही है।

जनाधार को बढ़ाने और बचाने के लिए लोजपा और जदयू नेताओं में जारी है जुबानी जंग

जमुई जिले में लोकसभा चुनाव के होने वाले प्रथम चरण के तहत मतदान के दौरान ही एनडीए गठबंधन के लोजपा प्रत्याशी चिराग पासवान के द्वारा भीतर घात किए जाने की बात को स्वीकार करते हुए कई जिले के सभाओं एवं मीडिया को लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान एवं लोजपा सांसद चिराग पासवान के द्वारा सीधे-सीधे तौर पर नरेंद्र सिंह एवं उनके पुत्र पर भीतर घात का आरोप लगाया गया है। जमुई सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाले लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान के पुत्र सांसद चिराग पासवान जमुई जिले में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को बल देते हुए अपने जनाधार को मजबूती से बढ़ाने के प्रयास में लगे हुए हैं जबकि इसी जिले से ताल्लुकात रखने वाले बिहार की राजनीति के कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह भी वर्षों से राजनीतिक जमीन के रूप में गृह जिला जमुई में स्थानीय नेता के तौर पर जनाधार को स्थापित किए हुए हैं। जमुई जिले से कई बार नरेंद्र सिंह विधायक भी चुने गए हैं बिहार सरकार में मंत्री भी कई बार रह चुके हैं साथ ही इनके तीन पुत्र स्व अभय सिंह,अजय प्रताप,एवं सुमित कुमार जमुई जिले से विधायक बने हैं। एनडीए गठबंधन में रहने के वावजूद लोजपा और जदयू के नेताओं के बीच अंदर ही अंदर एक दूसरे पर निशाना साधने में लगे हैं।राजनीतिक जनाधार को जनता के बीच धारदार रूप से बनाए रखने के लिहाज से दोनों ही नेता इसे अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर देख रहे हैं। एक तरफ जहां राजनीतिक जमीन को बनाने में लगे हैं तो वहीं दूसरे तरफ राजनीतिक जमीन को बचाने की जद्दोजहद की जा रही है।लोकसभा चुनाव2019 में शुरू हुआ यह राजनीतिक रंग आगामी विधानसभा चुनाव2020 के आने तक और भी गहरा होता नजर आएगा।

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