सात निश्चय नल-जल योजना को लेकर पंचायत स्तर व प्रखंड स्तर से लेकर जिला स्तर तक सिर्फ कमीशन का खेल हुआ
Post By Gaurav kumar mishra
बांका:- मंझगांय-डरपा पंचायत में पानी के लिए मचा हाहाकार
मंझगांय-डरपा पंचायत के पंचायत समिति अनिल कुमार मंडल पानी के लिए उतरे रोड पर, जमकर बरसे
भागलपुर से बिट्टू कुमार की रिपोर्ट
रजौन/ मंझगांय-डरपा:- रजौन प्रखंड क्षेत्र के मंझगांय-डरपा पंचायत में पेयजल संकट गहराता जा रहा हैं. अधिकतर चापाकल फेल हो गए हैं. सबसे अधिक परेशानी वार्ड नंबर 04,05 में हैं. वार्ड नंबर चार में एक भी सरकारी चापाकल नहीं हैं. एक चापाकल के भरोसे गांव की बड़ी आबादी चापाकल के उपर निर्भर हैं.
सात निश्चय नल-जल योजना में जमकर महाघोटाला , जनता त्राहित
सूबे के मुखिया नितीश कुमार लगातार डंका पीट रहे हैं वहीं दूसरी ओर नल-जल योजना की पैसे की निकासी हो चुकी है लेकिन पानी तो दूर की बात पाईप तक नसीब नही हैं.
क्या कहते हैं मंझगांय-डरपा पंचायत के पंचायत समिति : अनिल कुमार मंडल
पंचायत समिति अनिल कुमार मंडल ने बताया कि मेरे घर तक पाईप अभी तक नहीं बिछाया गया हैं. रजौन प्रखंड विकास पदाधिकारी उपेंद्र दास से जब बातचीत की तो उन्होंने पाईप बिछाने का आश्वासन दिया गया लेकिन एक साल बीतने को हैं कोई सुनवाई नहीं. आम जनता पानी के लिए त्राहिमाम हैं.
क्या कहते हैं वार्ड मेंबर: मुनेश्वर राउत
अपने वार्ड मेंबर मुनेश्वर राउत को जब बोला जाता हैं तो कहा जाता हैं कि मुखिया और सचिव को बोलिये. और कुछ दबंग व्यक्ति पाईप खोलकर पटवन में लगे हैं.
क्या कहते हैं मंझगांय-डरपा पंचायत के आम जनता
मंझगांय-डरपा पंचायत के आम जनता ने साफ शब्दों में कहा कि सात निश्चय नल-जल योजना में जमकर लूट खसोट हुई हैं. सिर्फ कमीशन का खेल हुआ हैं पंचायत स्तर से लेकर बांका में बैठने वाले सरकारी बाबू तक. इस वर्ष कम बारिश होने की वजह से कुएं और तालाबों में भी पानी जमा नहीं हैं. इससे गांव का जलस्तर तेजी से खिसक रहा हैं. वहीं कुछ सरकारी चापाकल मरम्मत के आभाव में बंद पड़ा हैं. मौके पर सभी लोगों ने कहा कि यदि सरकारी चापाकल को ठीक करा दिया जाय तो पेयजल संकट दूर हो सकता हैं. लेकिन इस ओर किसी अधिकारी का ध्यान नहीं हैं. मौके पर पंचायत समिति अनिल कुमार मंडल , श्याम मंडल, विकास कुमार , मंटू मंडल सहित बड़े पैमाने पर महिलाएं व पुरूष ने साफ शब्दों में कहा कि सात निश्चय नल-जल योजना में एक-एक रूपये की बंदरबांट कर दी गई हैं. जनता में पानी को लेकर आक्रोश उत्पन्न हो गई हैं.
अंतत: सात निश्चय नल-जल योजना को लेकर पंचायत स्तर व प्रखंड स्तर से लेकर जिला स्तर तक सिर्फ कमीशन का खेल हुआ हैं. सभी अपने-अपने कमीशन और कुर्सी के प्यारे हैं जनता मरे या बचे कोई मतलब नहीं . वरीय पदाधिकारी सात निश्चय नल-जल योजना की गंभीरता से उच्च स्तरीय जांच कर कड़ी कार्रवाई करे जिससे जनता के साथ विश्वासघात न हो.